कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर नए संसद परिसर के उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं करके भारत के राष्ट्रपति का कथित रूप से अपमान करने के लिए निशाना साधा और कहा कि भाजपा-आरएसएस सरकार के तहत औचित्य को प्रतीकात्मकता तक सीमित कर दिया गया है।
इसको लेकर उन्होंने एक के बाद एक चार ट्वीट किये। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि मोदी सरकार ने भारत के राष्ट्रपति का चुनाव केवल चुनावी कारणों से दलित और आदिवासी समुदायों से सुनिश्चित किया है। जबकि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नई संसद के शिलान्यास समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था।
खड़गे ने आगे कहा कि भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत की संसद भारत गणराज्य की सर्वोच्च विधायी संस्था है, और भारत का राष्ट्रपति इसका सर्वोच्च संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि वह अकेले ही सरकार, विपक्ष और हर नागरिक का समान रूप से प्रतिनिधित्व करती हैं। वह भारत की प्रथम नागरिक हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनके द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा।