देहरादून। देहरादून स्थित मल्टीडिसप्लनेरी यूनिवर्सिटी यूपीईएस ने अपने बिधौली कैंपस में एक खास गणित और विज्ञान फेयर का आयोजन किया। विश्वविद्यालय की सीएसआर टीम ने स्टूडेंट्स को STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथमेटिक्स) में कॅरियर बनाने और इन क्षेत्रों में नाम कमाने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पूरे दिन का इवेंट आयोजित किया।
इस इवेंट में स्टूडेंट्स को अपनी स्वाभाविक जिज्ञासा और सरलता की राह पर आगे बढ़ने के लिए मंच मुहैया करने पर भी फोकस किया गया। कक्षा 6 से कक्षा 8 तक के स्टूडेंट्स ने भाग लेकर अपने शोध, प्रयोगों और खोजों को अपने समकक्ष स्टूडेंट्स, टीचर्स और व्यापक समुदाय के साथ साझा करने के इस प्रभावशाली मंच का लाभ उठाया।
समग्र शिक्षा-उत्तराखंड के साथ यूपीईएस-सीएसआर का एमओयू सभी स्टूडेंट्स के लिए स्थायी और समावेशी सहयोग प्रदान करता है। वर्ष 2021 में हस्ताक्षरित यह एमओयू निकटवर्ती क्षेत्र में सरकारी स्कूलों के साथ शैक्षणिक मध्यवर्तन पर केन्द्रित है, जिनमें मिश्रापट्टी एक है।
विश्वविद्यालय लगभग 12 सरकारी स्कूलों को अध्यापन और अन्य सुविधाओं से सम्बंधित सहयोग मुहैया करता है जिससे 700 से अधिक स्टूडेंट्स लाभान्वित हो रहे हैं।
इस तरह के आयोजन साइंस और मैथमेटिक्स के प्रति उत्तेजना और अभिरुचि पैदा करते है। यूपीईएस के सीएसआर के निदेशक, कर्नल संजय वाशिंगटन ने कहा कि, “STEM शिक्षा के प्रति इन स्टूडेंट्स का जूनून और वचनबद्धता प्रेरणादायक थी। स्टूडेंट्स ने वैज्ञानिक नवाचार और आलोचनात्मक चिंतन तथा सहयोगपूर्ण ढंग से काम करने, प्रभावकारी रूप में संवाद करने, सोचने की क्षमता और आत्मबल का प्रदर्शन किया।
यह हर किसी के लिए सीखने, खोज करने और हमारे दैनिक जीवन में मैथमेटिक्स और साइंस का मूल्य समझने के लिए एक अद्भुत अवसर था। हम दूसरे स्कूलों के साथ इसी तरह के कार्यक्रम करने की तैयारी कर रहे हैं और निकट भविष्य में डिजाईन प्रतियोगिताएँ और मैथ एवं साइंस शिविर आयोजित करने की भी योजना बना रहे हैं।
स्टूडेंट्स को मैथमेटिक्स और साइंस से जुड़ी 14 अवधारणाओं पर अपने-अपने प्रोजेक्ट्स प्रदर्शित करने के लिए दो समूहों में विभाजित किया गया था। प्रोजेक्ट्स में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्रियों का प्रयोग करके समझाए गए अंशों (फ्रैक्शन्स) की अवधारणाओं, मैचस्टिक पज़ल्स, और विजुअल मैथमेटिकल जियोमेट्रिक्स से लेकर एक सेंट्रीफ्यूज स्प्रिंकलर तक हर चीज शामिल थी।
प्रत्येक प्रोजेक्ट की कल्पनाशीलता से यह सीख मजबूत हुई कि विज्ञान हर जगह मौजूद है और स्टूडेंट्स को दैनिक जीवन से जुड़ी समस्याओं को समझने और हल करने के लिए मैथमेटिक्स एवं साइंस का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहन प्राप्त हुआ।
अपने पहले मैथ और साइंस फेयर की सफलता के साथ, यूपीईएस की सीएसआर टीम दो और सरकारी स्कूलों में शिक्षण केन्द्र (लर्नशालाएँ) भी स्थापित करेगी और डोनेशन अभियान (किताबों, ब्लड और वस्त्रों के लिए) चलायेगी।
यूपीईएस के विषय में:
उत्तराखण्ड विधानसभा के यूपीईएस अधिनियम, 2003 के द्वारा 2003 में स्थापित, यूपीईएस, यूजीसी से मान्यता-प्राप्त यूनिवर्सिटी है और इसे एनएएसी ने ग्रेड ‘ए’ प्रत्यायित किया है। शिक्षा मंत्रालय के नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) ने भारत के कॉलेजों और संस्थानों के बीच यूपीईएस को 65वाँ स्थान दिया है।
भारत में यूपीईएस का स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग 61वें, प्रबंधन संस्थानों के बीच स्कूल ऑफ बिजनेस 41वें और स्कूल ऑफ लॉ 21वें स्थान पर है। इस यूनिवर्सिटी को पिछले कुछ वर्षों में 90% से अधिक नियुक्तियों के कारण वैश्विक मान्यता-प्राप्त क्यूएस रेटिंग से रोजगार-योग्यता (प्लेसमेंट्स) में 5-स्टार्स मिले हैं।
यूपीईएस अपने आठ स्कूलों के माध्यम से ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएटप्रोग्राम्स की पेशकश करती है, जिनके नाम हैं, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस, स्कूल ऑफ डिजाइन, स्कूल ऑफ लॉ, स्कूल ऑफ बिजनेस, स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेस ऐंड टेक्नोलॉजी, स्कूल ऑफ मॉडर्न मीडिया और स्कूल ऑफ लिबरल स्टडीज।