देहरादून। महामारी के बाद, स्वास्थ्य विज्ञान और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अत्यधिक वृद्धि देखी गई है। कोविड प्रकोप ने न केवल इस क्षेत्र में प्रशिक्षित पेशेवरों की मांग को बढ़ाया बल्कि फार्मेसी, नुट्रिशन, बायोटेक्नोलॉजी और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग जैसे कई विषयों में नए रास्ते भी खोल दिए।
साइंटिफिक ज्ञान और टेक्निकल ग्रोथ को मिलाकर, यह क्षेत्र बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य सेवा की समग्र गुणवत्ता में सुधार पर ध्यान देता है। सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में अत्यधिक अच्छे करियर के साथ-साथ, यह प्रोफेशनल लोगो को जीवन बदलने में मदद करता है। यूपीईएस जैसे प्रमुख भारतीय विश्वविद्यालय विभिन्न इंडस्ट्री-अलाइन्ड पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं जो छात्रों को इस क्षेत्र में एक मजबूत पैर जमाने में मदद कर सकते हैं।
टेक्नोलॉजी की प्रगति के साथ, छात्र तेजी से अध्ययन के नए क्षेत्रों की ओर आकर्षित हो रहे हैं जो वर्षों में तेजी से विकसित हुए हैं। पारंपरिक पाठ्यक्रम जैसे बी. फार्मेसी और बी.एससी. (खाद्य, पोषण और डायटेटिक्स) को हमेशा बदलते उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए इनोवेटिव टीचिंग और नए युग की तकनीक के साथ फिर से डिजाइन किया गया है। बी.फार्मा के मुख्य विषयों के साथ-साथ छात्र अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डिजाइन थिंकिंग और डेटा एनालिटिक्स जैसे कई दिलचस्प विकल्पों को चुन सकते हैं।
एक और दिलचस्प पाठ्यक्रम जो छात्रों को इस क्षेत्र में एक समृद्ध करियर के लिए तैयार करता है, वह है बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में बीटेक, जो स्वास्थ्य विज्ञान, इंजीनियरिंग, कंप्यूटर विज्ञान और डिजाइन के साथ बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के मल्टी-डिसप्लनेरी क्षेत्र में एक बैकग्राउंड
प्रदान करता है। बी.टेक फार्मास्युटिकल बायोटेक्नोलॉजी एक और अच्छा करियर विकल्प होगा, जो जैविक दवाओं के उत्पादन, निर्माण और रजिस्ट्रेशन के सभी क्षेत्रों में स्किल और नॉलेज विकसित करने का अवसर प्रदान करता है। फ़ूड इंडस्ट्री के सभी तरह के पहलुओं की समझ हासिल करने के इच्छुक छात्रों को फूड प्लांट इंजीनियरिंग में बी.टेक में स्नातक की डिग्री हासिल करने पर विचार करना चाहिए। इस पाठ्यक्रम में खाने की पैकेजिंग में उपयोग की जाने वाली विभिन्न तकनीकों और प्रक्रियाओं का व्यापक अध्ययन शामिल है।
स्वास्थ्य विज्ञान का क्षेत्र तेजी से विकसित होगा क्योंकि टेक्नोलॉजी हर कदम पे बदलना जारी रखेगी। यूपीईएस जैसे विश्वविद्यालयों ने अपने पाठ्यक्रम की पेशकश और पढ़ाने के तरीको को शानदार ढंग से विकसित करने के लिए भविष्य पर नज़र रखना जारी रखा है; छात्र भी अब पारंपरिक स्वास्थ्य देखभाल भूमिकाओं तक ही सीमित नहीं हैं और अब करियर के हर तरह के क्षेत्रों का पता लगा सकते हैं।