नयी दिल्ली। ज्योतिबा फुले की जयंती के मौके पर राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट एक दिवसीय अनशन करेंगे। अनशन करने के ऐलान से सचिन पायलट ने साफ कर दिया है कि उन्होंने राजस्थान में अपनी ही सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
गहलोत और वसुंधरा राजे के साथ है सांठगांठ
पायलट ने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार व्याप्त है जिसके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरने के लिए सचिन पायलट ने ये कदम उठाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष में रहने के दौरान जो भी घोटाले हुए हैं उन्हें अशोक गहलोत ने दबा दिया है। पायलट ने आरोप लगाया कि अशोक गहलोत ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ सांठगांठ की है।
विपक्ष में रहते हुए हमने काफी संघर्ष किया पायलट
कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनावों में जनता से वादा किया था कि भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की जाएगी। मगर सत्ता में आने के बाद अपने वादों को अशोक गहलोत ने पूरा नहीं किया और भ्रष्टाचार के सभी मामलों को दबा दिया। हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार मिटाने का वादा किया था मगर उस स्तर पर कोई काम नहीं हुआ है। ऐसे में आगामी 11 अप्रैल को शहीद स्मारक पर एक दिवसीय अनशन करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि इस अनशन के जरिए उन बातों पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया जाएगा जिन पर अब तक काम नहीं हुआ है।
बता दें कि सचिन पायलट ने अशोक गहलोत को दो चिट्ठियां भी लिखी है। इन चिट्ठियों में उन्होंने कहा कि आपने जो आरोप लगाए थे उनकी जांच करवाई जानी चाहिए। हालांकि ऐसा कुछ नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि विपक्ष में रहते हुए हमने काफी संघर्ष किया है। इसके बाद ही हम सत्ता में आए है। हमारी विश्वसनीयता तब साबित होगी जब हम अपने द्वारा लगाए गए आरोपों को सिद्ध कर देंगे।