नयी दिल्ली ।भारत की जी-20 अध्यक्षता के तत्त्वावधान में बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी) को मजबूती देने के लिये हार्वर्ड विश्वविद्यालय के एमिराइटस अध्यक्ष प्रोफेसर लॉरेंस समर्स और आर्थिक विकास संस्थान और भारत के 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन के सिंह के सह संयोजकत्व वाला एक जी-20 विशेषज्ञ समूह का गठन किया गया है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार इसके सदस्योें में सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री थारमन शनमुगरत्नम, एंग्लोगोल्ड आशांती की अध्यक्ष और दक्षिण अफ्रीका की नेशनल ट्रेजरी की पूर्व महानिदेशक मारिया रामोस, हेज फंड्स एंड प्राइवेट इक्विटी, गेविया इन्वेस्टिमेंटॉस के संस्थापक एवं सीईओ और सेंट्रल बैंक ऑफ ब्राजील के पूर्व गवर्नर आर्मिनियो फ्रागा, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के आईजी पटेल प्रोफेसर ऑफ इकोनॉमिक्स एंड गवर्नमेंट के प्रोफेसर निकोलस स्टर्न, पेकिंग विश्वविद्यालय में नेशनल स्कूल ऑफ डेवलपमेंट के प्रोफेसर और मानद डीन तथा विश्व बैंक के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष व मुख्य अर्थशास्त्री जस्टिन यिफू लिन, टफ्ट्स विश्वविद्यालय में फ्लेचर स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स की डीन और विश्व बैंक की पूर्व उपाध्यक्ष रेचल काइट और ब्रुकिग्स इंस्टीट्यूशन में अफ्रीका ग्रोथ इनिशिएटिव में अनिवासी वरिष्ठ फेलो और अफ्रीका के लिए आर्थिक आयोग की पूर्व कार्यकारी सचिव वेरा सोंगवे शामिल है।
विशेषज्ञ समूह 30 जून, 2023 से पहले जी-20 की भारतीय अध्यक्षता को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर देगा। 21वीं शताब्दी के लिये एक उन्नत एमडीबी इको-प्रणाली का रोडमैप तैयार करना, जिसमें विभिन्न पड़ावों तथा समय-सारिणियों को शामिल किया जायेगा।
इसके तहत एमडीबी के सभी पहलुओं को रखा जायेगा, जो परिकल्पना तक ही सीमित नहीं रहेंगे। परिकल्पना को शामिल करते हुये प्रेरक संरचना, परिचालन समझ और वित्तीय क्षमता पर भी ध्यान दिया जायेगा, ताकि एमडीबी विस्तृत सतत विकास लक्ष्यों तथा जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य जैसी सर्वव्यापी चुनौतियों को मद्देनजर रखते हुये वित्तपोषण कर सकें।
एमडीबी सतत विकास लक्ष्य और सर्वव्यापी चुनौतियों के हवाले से अपनी और सदस्य देशों की बढ़ी हुई वित्तीय जरूरतों के वित्तपोषण के सम्बंध में विभिन्न तरह के आकलन करेंगे। इसके लिये वे अतिरिक्त क्षमता को ध्यान में रखेंगे।
इस अतिरिक्त क्षमता को सीएएफ सिफारिशों तथा निजी व सार्वजनिक सेक्टर निधियों (एएनडी) जैसे अन्य महत्त्वपूर्ण स्रोतों से प्राप्त किया जा सकता है। ये सभी इस विशेषज्ञ समूह के उद्देश्य हैं।