नयी दिल्ली। केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता कानूनी प्रक्रिया के तहत समाप्त हुई है और यह सूरत की अदालत द्वारा ओबीसी समाज का अपमान करने के एक मामले में उन्हें सजा सुनाए जाने के साथ ही प्रभावी हो गई थी।
गुर्जर ने कहा, ‘‘जनप्रतिनिधत्व कानून के तहत अगर किसी सांसद या विधायक को दो वर्ष या उससे अधिक सजा होती है तो सजा सुनाए जाने के समय से उसकी सदस्यता स्वत: समाप्त हो जाती है। राहुल जी की सदस्यता समाप्त होने में भाजपा की कोई भूमिका नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अयोग्यता प्रभावी होने के लिए प्रक्रिया के तहत इसको अधिसूचित करना था इसलिए कल लोकसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी की है।’’ केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘राहुल जी ने चुनावी रैली में चार साल पहले ओबीसी व तेली समाज के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसको लेकर ओबीसी समाज अदालत में गया था।
इन चार साल में अनेकों ऐसे मौके आए, जब वह अपनी गलती मानकर इसका पटाक्षेप कर सकते थे, लेकिन उन्हें अहंकार था कि वह राजा हैं इसलिए उन्होंने माफी नहीं मांगी।
अदालत ने बार-बार उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने अहंकार वशीभूत सभी को अनसुना कर दिया।’’ अदालत में गुर्जर राहुल गांधी की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर की गई टिप्पणी ‘चौकीदार चोर है’ का जिक्र कर रहे थे, जिसके लिए कांग्रेस नेता को उच्चतम न्यायालय में माफी मांगनी पड़ी थी।