लखनऊ। अपने दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ के मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने यहां लोकभवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा और मार्गदर्शन की बदौलत उत्तर प्रदेश ने देश और दुनिया में अलग पहचान बनाई है। यूपी को अब माफिया के लिये नहीं बल्कि महोत्सव के लिये जाना जाता है। पिछले छह साल नये उत्तर प्रदेश के निर्माण की गाथा बयां करते हैं।
इन छह सालों में लोगों ने महसूस किया कि डबल इंजन की सरकार के क्या मायने होते हैं। सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल के सुखद परिणाम जनता के सामने आये हैं। उन्होने कहा कि पूर्ण बहुमत की सरकार और इसकी स्थिरता का मतलब क्या होता है, यह भाजपा सरकार ने यूपी के अंदर परस्पर समन्वय संवाद के माध्यम से प्राप्त किया।
प्रधानमंत्री के प्रेरणा से राज्य सरकार ने यूपी के समग्र विकास की जो कार्ययोजना बनाई थी, पूरी ईमानदारी से उसे लागू करने के लिए हर स्तर पर प्रयास किया। परिणाम सबके सामने है। पहले यूपी के अंदर परंपरागत जाति, मत-मजहब, भ्रष्टाचार, परिवारवाद के नाम पर जो राजनीति होती थी, उससे अलग हटकर हमने यहां की पहचान यूपी के अनुरूप असीम संभावनाओं वाले प्रदेश के रूप में बढ़ाने के लिए 10 सेक्टर चिह्नित किए, जिस पर पूरी टीम ने काम किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन छह सालों में से तीन साल कोरोना से लड़ते-जूझते हुए काम हुए।
इस दौरान प्रदेश ने अनेक उपलब्धियां हासिल कीं। जिस यूपी के बारे मे कहा जाता था कि वह विकास नहीं कर सकता, पीएम की सभी फ्लैगशिप योजनाओं में आज वह नंबर एक की दौड़ में है। यूपी के इन्फ्रास्ट्रक्चर की चर्चा पूरे देश में हो रही है। युवाओं की नौकरी में परदर्शिता बरती है। निजी क्षेत्र में भी नौकरी और रोजगार के ढेर सारे अवसरों को सृजित करने के प्रयास सामने हैं।
आज एक करोड़ से अधिक निराश्रित महिला, वृद्धावस्था पेंशन पाने वाली महिलाओं, दिव्यांगजनों को 12 हजार रुपये सालाना पेंशन यूपी प्रदान कर रहा है। उन्होने कहा कि यह वहीं उत्तर प्रदेश है, जहां तमाम अभिभावक इस बात के लिए चिंतित होते थे कि बिटिया का विवाह कैसे करेंगे, उसे कैसे पढ़ाएंगे। आज 14 लाख बेटियां मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से लाभान्वित हुईं।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत सवा दो लाख बेटियों का विवाह संपन्न हुआ। अब भी निरंतर कार्य चल रहे हैं। महिला स्वयंसेवी समूह नये मॉडल के रूप में कार्य कर रही हैं। महिला बाल विकास विभाग के पोषाहार योजना से हर कुपोषित परिवार को जोड़ा गया। उनके प्लांट हर ब्लॉक स्तर पर लगाए जा रहे हैं। महिला सशक्तिकरण, स्वालंबन और सम्मान के आदर्श के रूप में यूपी आगे बढ़ा है।