लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार एक साजिश के तहत आरक्षण को समाप्त करने का प्रयास कर रही है।
यादव ने पार्टी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भाजपा सरकार ने आरक्षण खत्म करने का एक नया तरीका ढूढ निकाला है। सैफई मेडिकल यूनीवर्सिटी में रिक्त पदों के लिये विज्ञापन निकाला गया जिसमें आरक्षित पदों में एक की नियुक्ति कर बाकी को अयोग्य ठहरा दिया गया। इसके बाद फिर वैकेंसी निकली जिसमें भी यही तरीका अपनाया गया। वास्तव में सरकार का इरादा आरक्षण को समाप्त करने का है।
राज्य की योगी सरकार विशेषरूप से समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ताओं और नेताओं को निशाने पर लिये हुये है। रामपुर के पूर्व सांसद आजम खां, कानपुर के विधायक इरफान सोलंकी और सारस प्रेमी आरिफ इसके उदाहरण है। इनका कसूर सिर्फ इतना है कि ये समाजवादी हैं।
उन्होने कहा ‘‘ आजम खान साहब या उनका परिवार इसलिए तकलीफ और परेशानी में है क्योंकि वो समाजवादी हैं। इरफान सोलंकी से मिलने मै कानपुर जेल गया तो उनका तबादला अन्य जेल में कर दिया गया। आरिफ ने जो सारस की सेवा की उसका परिणाम ये हुआ कि सारस इनका मित्र बन गया।
यह सरकार पक्षी तक को नहीं छोड़ रही है तो आम लोगों को क्या छोड़ेगी अगर सरकार सारस छीन रही है तो उनसे मोर भी छीन लेना चाहिए जो मोर को दाना खिला रहे थे।
यादव ने कहा कि भाजपा सरकार बाते लोकतंत्र की करती है मगर काम लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ करती है।
झूठ बोलने में भी यह सरकार पीछे नहीं है। 2017 के बाद से सरकार अब तक 150 करोड़ पेड़ कागजों में लगा चुकी है मगर इसके लिये जमीन कहां से आयी, इसका जवाब नहीं है।
पूंजीपतियों की सरकार के कार्यकाल में किसान बरबाद हो चुका है।
सरकार ने सदन में वादा किया था कि वह किसानो से आलू खरीदेगी। इसके लिये बजट में एक हजार करोड़ रूपये का प्रावधान भी किया गया था। सरकार को बताना चाहिये कि उसने अब तक कितना आलू किसान से खरीदा है।
सपा प्रमुख ने तंज कसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रहते उत्तर प्रदेश विकास के मामले में 22वें स्थान पर है।
प्रदेश को बरबाद करने के लिये सिर्फ मुख्यमंत्री जिम्मेदार है। पर्यटन मंत्री तो कब किसके साथ पर्यटन पर निकल जायें, इसका कोई पता नहीं है। उन्होने एक बार मैनपुरी में सपा को जिताने में सहयोग किया था।