नयी दिल्ली। दिल्ली सरकार ने बुधवार को 2023-24 के लिए 78,800 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जिसमें 35100 करोड़ रुपये स्थापना और अन्य प्रतिबद्ध व्यय के लिए है जबकि 43700 करोड़ रुपये योजनाओं और परियोजनाओं के लिए है।
दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि दो सालों में निगम के साथ मिलकर तीनों कूड़े के पहाड़ को खत्म किया जाएगा। इस साल दिसंबर तक ओखला और अगले साल मार्च तक भलस्वा लैंडफिल साइट तथा दिसंबर तक गाजीपुर लैंडफिल साइट को खत्म किया जाएगा। लैंडफिल साइट को खत्म करने के लिए 850 करोड़ का बजट का प्रावधान किया गया है।
गहलोत ने अपने बजट भाषण में आम आदमी पार्टी के गवर्नेंस मॉडल की तारीफ करते हुए कहा कि जनता के सपनों को पूरा करना, उन्हें मुफ्त बिजली-पानी और बढ़यिा शिक्षा देना ही दिल्ली मॉडल का मतलब है। उन्होंने कहा कि पिछले आठ सालों में दिल्ली सरकार ने ऐतिहासिक बुनियादी ढांचागत विकास की कई परियोजनाओं को पूरा किया है।
सिग्नेचर ब्रिज, सराय काले खां और आईएनए को जोड़ने वाले बारापुला फ्लाईओवर से दिल्ली का चेहरा बदल गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के घर को सीवर से जोड़ा जाएगा। घरों को सीवर सुविधा मुफ्त दी जाएगी। यमुना को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
गहलोत ने कहा कि हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए, ‘आप’ सरकार ने 2025 तक राष्ट्रीय राजधानी की 25 फीसदी वार्षिक बिजली की मांग को सौर ऊर्जा से पूरा करने की योजना है। वित्त मंत्री ने कहा कि दिल्ली के शिक्षा मॉडल की दुनिया ने सराहना की है।
केजरीवाल मॉडल आफ गवर्नेंस के तहत, दिल्ली के स्कूलों ने कई पहलुओं में शानदार प्रदर्शन किया है। वर्ष 2023-24 के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुल 9,742 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि शिक्षा के लिए 16575 करोड़ का प्रस्ताव रखा गया है।