नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार देश की खाद्यान्न प्रणाली को पूरी तरह से अडाणी समूह को सौंपना चाहती है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने अपने सवालों की श्रृंखला ‘हम अडाणी के हैं कौन’ के तहत पिछले कई दिनों की तरह आज भी प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी से कुछ प्रश्न किए।
रमेश ने कहा, ‘‘आपकी सरकार ने भारत की खाद्यान्न प्रणाली पूरी तरह से अडाणी समूह को सौंपने में कड़ी मेहनत की है।
ऐसा लगता है कि वर्ष 2020-21 के किसान आंदोलन द्वारा केवल अस्थायी रूप से इस षडयंत्र को विफल किया गया था, जिससे आपको काले कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए बाध्य होना पड़ा था।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सार्वजनिक क्षेत्र के निगम के विरुद्ध और आपके पसंदीदा व्यापार समूह के पक्ष में कदम क्यों उठाया?
क्या वह ऊपर से स्पष्ट निर्देशों के बिना ऐसा करने का साहस कर सकती हैं?’’ रमेश ने यह भी पूछा, ‘‘क्या यह मान लेना तर्कसंगत नहीं है कि वह अडाणी समूह के साथ एक मजबूत ‘चुनावी बॉन्ड’ (चुनावी रिश्ता) बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं? क्या भारत का सार्वजनिक क्षेत्र अब आपके कॉरपोरेट मित्रों को और अमीर बनाने का साधन बनकर रह गया है?’’
कांग्रेस अमेरिकी वित्तीय शोध संस्था ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट आने के बाद से अडाणी समूह और प्रधानमंत्री पर लगातार हमले कर रही है। उल्लेखनीय है कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह के खिलाफ फर्जी तरीके से लेन-देन और शेयर की कीमतों में हेर-फेर सहित कई आरोप लगाए थे। अडाणी समूह ने इन आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा था कि उसने सभी कानूनों और प्रावधानों का पालन किया है।