देहरादून। कक्षा 09 एवं कक्षा 11 के छात्र / छात्राओं को प्रतिभाग करवाने के सम्बन्ध में ये चौकाने वाला आदेश जारी हुआ हैं मुख्य शिक्षा अधिकारी अल्मोड़ा ने ये आदेश जारी किया हैं।
उपर्युक्त विषयक दीपक उप्रेती पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अल्मोडा द्वारा दिये गये पत्र के क्रम में अवगत कराया गया है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अल्मोडा ईकाई का जिला सम्मेलन दिनांक 16.02.2023 को नन्दादेवी प्रागंण में होना है, जिस हेतु कक्षा 09 एवं कक्षा 11 के छात्र / छात्राओ को प्रतिभाग करवाने हेतु अनुरोध किया गया है।
अतः आपको निर्देशित किया जाता है कि आप अपने विद्यालय से कक्षा 09 एवं कक्षा 11 के छात्र / छात्राओ के साथ दो शिक्षको को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अल्मोडा ईकाई का जिला सम्मेलन में दिनांक 16.02.2023 को नन्दादेवी प्रांगण में प्रतिभाग करवाना सुनिश्चित करें।
एक बहुत ही चौकानेवाले प्रकरण में मुख्य शिक्षा अधिकारी अल्मोड़ा ने जनपद के 9 विद्यालयों के प्रधानाचार्य को शासकीय पत्र भेजकर कक्षा 9 और कक्षा 11 के छात्र-छात्राओं को एबीवीपी के होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आदेश जारी किया है। उपरोक्त प्रकरण पर
कड़ा हमला बोलते हुए उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी आज लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन करने पर उतारू हो गई है ।
दसौनी ने कहा कि भाजपा को अपने गिरेबान में झांकने की जरूरत है एक तरफ तो भारतीय जनता पार्टी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में बच्चों के इस्तेमाल का अनर्गल आरोप लगाती है और वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड में अल्मोड़ा जनपद के मुख्य शिक्षा अधिकारी सरकारी पत्र जारी करते हुए 9 सरकारी विद्यालयों के प्रधानाचार्य को आदेश देते हुए देखे जा रहे हैं जिसमें कक्षा 9 और 11 के मासूम बच्चों को भीड़ बढ़ाने के लिए एबीवीपी के कार्यक्रम में जबरन भेजे जाने की बात कही गई है।
दसोनी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का स्तर दिन पर दिन गिरता चला जा रहा है अपने कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए और भीड़ बढ़ाने के लिए अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का इस्तेमाल निश्चित तौर पर निंदनीय है। दसोनी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी अल्मोड़ा के इस कृत्य की भर्त्सना करते हुए कहा की भाजयुमो के कार्यक्रम में मुख्य शिक्षा अधिकारी की रूचि बता रही है कि आज पूरा सरकारी अमला किस तरह से भारतीय जनता पार्टी के हाथों की कठपुतली बन चुका है।
दसोनी ने मुख्यमंत्री से अपेक्षा की कि वह तुरंत मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी को पद मुक्त करें।