बेंगलुरू। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार एयरोस्पेस क्षेत्र को नई गति देने और पूर्ण आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए एयरो-इंजन के स्वदेशीकरण पर काम कर रही है।
सिंह यहां 14वें एयरो इंडिया के एक भाग के रूप में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर आयोजित ‘स्वदेशी एयरो इंजन के विकास के लिए आगे की राह सहित फ्यूचरिस्टिक एयरोस्पेस टेक्नोलॉजीज के स्वदेशी विकास’ नामक एक सेमिनार में उद्घाटन भाषण दे रहे थे।
सिंह ने कहा कि आजादी के 75 साल पूरे होने के बाद भारत ‘अमृत काल’ में प्रवेश कर रहा है और यह सुनिश्चित करने का समय है कि भारतीय विमान स्वदेश निर्मित इंजनों के साथ उड़ें।
उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन, स्टील्थ, हाइपरसोनिक और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी आला तकनीकों का उपयोग करके आवश्यक हथियार प्रणालियों के स्वदेशी डिजाइन और विकास पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि डीआरडीओ अपनी क्षमता और समर्पण के साथ जल्द ही उस दिशा में तेजी से प्रगति करेगा और अपनी उपलब्धियों की सूची में ‘पृथ्वी’, ‘आकाश’ और ‘अग्नि’ मिसाइलों को शामिल करेगा।