नयी दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास (आईआईटी मद्रास)की ओर से पोषित एक स्टार्टअप फर्म ने एक स्वदेशी मोबाइल आपरेटिंग सिस्टम विकसित किया है। ‘भरोस’ नाम की इस प्रणाली को वाणिज्यिक हैंडसेट पर स्थापित किया जा सकता है।
भरोस का केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। वैष्णव ने कहा कि की वैश्विक प्रतिस्पर्धा के बीच इस नए स्वदेशी आपरेटिंग सिस्टम को बाजार में सफल करना चुनौतीपूर्ण होगा कई लोग चाहेंगे कि ऐसी कोई प्रणाली सफल हो।
इसे स्टार्टअप जेएनडीके आपरेशंस प्राइवेट लिमिटेड (जंडकोप्स) द्वारा विकसित किया गया। इस स्टार्टअप को आईआईटी मद्रास के आईआईटी मद्रास प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन ने इंक्यूबेट (पाला पोशा) है। भरोस नो डिफॉल्ट ऐप्स (एनडीए) के साथ आता है, जिसका अर्थ है कि उपयोगकर्ताओं को उन ऐप्स का उपयोग करने के लिए मजबूर नहीं किया जाता है जिनसे वे परिचित नहीं हैं या जिन पर उन्हें भरोसा नहीं है।
भरोस सेवाएं वर्तमान में उन संगठनों को प्रदान की जा रही हैं जिनके पास सख्त गोपनीयता और सुरक्षा आवश्यकताएं हैं जिनके उपयोगकर्ता संवेदनशील जानकारी को संभालते हैं जिसके लिए मोबाइल पर प्रतिबंधित ऐप्स पर गोपनीय संचार की आवश्यकता होती है। ऐसे उपयोगकर्ताओं को निजी 5जी नेटवर्क के माध्यम से निजी क्लाउड सेवाओं तक पहुंच की आवश्यकता होती है।