चमोली। उत्तराखंड में भू-धंसाव प्रभावित जोशीमठ के मारवाड़ी पी कम्पनी परिसर में जमीन से भारी मात्रा में पानी के रिसाव में कमी आने की महत्वपूर्ण जानकारी आपदा प्रबंधन विभाग ने दी है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन के जोशी ने बताया कि जोशीमठ स्थित जे पी कम्पनी परिसर में हो रहे पानी के रिसाव में कमी आयी है।
पानी का रिसाव 450 एलपीएम से घटकर वर्तमान में 132 एलपीएम हो गया है। भू-धंसाव प्रभावित जोशीमठ को बचाने लिए जहां वैज्ञानिक उपायों पर विचार जारी है। वहीं आस्था जगत में जोशीमठ रक्षार्थ नृसिंह पुराण का पारायण शुरू हो गया है। ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती महाराज द्वारा सहस्रचण्डी महायज्ञ के क्रम में शीतकालीन गुप्त नवरात्रि के अवसर पर नृसिंह मंदिर में नृसिंह पुराण का पारायण शुरु करवाया गया है जो कि आगामी वसंत पंचमी तक चलेगा।
ज्योतिर्मठ के प्रभारी मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी ने जानकारी देते हुए बताया कि ज्योतिर्मठ की अधिष्ठात्री देवी का विशेष श्रृंगार होगा। ज्योतिष्पीठ की अधिष्ठात्री राजेश्वरी त्रिपुर सुन्दरी माता श्रीदेवी जी की विशेष आराधना इस माघ के नवरात्रि में सम्पन्न होगा जिसमें प्रतिदिन महापूजा व महाश्रृंगार किया जायेगा। जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव के दृष्टिगत संचालित राहत एवं पुनर्वास सम्बन्धी कार्यों के पर्यवेक्षण के लिये मुख्यमंत्री के विशेष प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने प्रभावितों से मुलाकात कर उन्हें राहत सामग्री दी।