संदीप सिंह की कुर्सी बचेगी या जाएगी?

  • जूनियर महिला कोच ने मंत्री पर लगाए हैं छेड़छाड़ के आरोप  
  • मुख्यमंत्री खट्टर को पुलिस की जांच रिपोर्ट का इंतजार

सुमित्रा, चंडीगढ़।
हरियाणा के लोगों को चंडीगढ़ पुलिस की जांच रिपोर्ट का इंतजार है। खाप-पंचायतों के साथ ही रिपोर्ट का इंतजार हरियाणा की खट्टर सरकार को भी है। यह पहले ही साफ कर दिया गया है कि जब तक जांच में संदीप सिंह को दोषी नहीं ठहरा दिया जाता, मुख्यमंत्री उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। जांच रिपोर्ट कब तक आएगी, इस बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है।
पुलिस ने इस मामले में छेड़छाड़ के आरोप लगाने वाली महिला कोच से करीब साढ़े सात घंटे पूछताछ के बाद उसके बयान दर्ज कर लिए हैं। उसका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया है। प्रिंटिंग व स्टेशनरी राज्य मंत्री संदीप सिंह से भी कई घंटे तक पूछताछ की गई है। उनके स्टाफ से भी पूछताछ की गई है। महिला कोच को मंत्री के सरकारी आवास पर ले जा कर छेड़छाड़ के आरोपों संबंधी सीन भी री-क्रिएट करवाया जा चुका है। खट्टर सरकार के दौरान यह पहला मौका है, जब किसी महिला खिलाड़ी ने एक मंत्री पर ऐसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
विपक्षी दल इस मामले में शुरू से ही संदीप सिंह की बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि जब तक आरोपी मंत्री के पद पर कायम है, निष्पक्ष जांच होने की उम्मीद कम है। मंत्री को नैतिकता के नाते खुद ही अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इस मामले में राज्य मंत्री संदीप सिंह के साथ खड़े नजर आते हैं।

उन्होंने साफ कहा है कि आरोप लगाने के बाद किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने से कोई दोषी साबित नहीं हो जाता है। पुलिस के सामने संदीप सिंह के बयान दर्ज होने के बाद खुद खट्टर ने मंत्री से कहा है कि वे अपने महकमे का कामकाज संभाल लें।
इस मामले में हरियाणा सरकार ने बीच का रास्ता अपनाया है। मंत्री का पद भी बच गए और उन्होंने नैतिकता का परिचय भी दे दिया। संदीप सिंह ने कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, वे खेल विभाग का कोई कामकाज नहीं देखेंगे। ऐसे में उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देने की जरूरत भी नहीं पड़ी। संदीप सिंह उस समय विवादों के घेरे में आ गए थे, जब एक जूनियर महिला कोच ने उन पर छेड़छाड़ के आरोप लगाते हुए चंडीगढ़ पुलिस को लिखित शिकायत दे दी। पीड़िता ने आरोपी संदीप सिंह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की भी मांग की, लेकिन मुख्यमंत्री खट्टर ने इस पर गौर करना जरूरी नहीं समझा है।
महिला कोच का आरोप था कि खेल मंत्री ने उन्हें अपनी कोठी पर बुलाया और फिर छेड़छाड़ की। पीड़िता के मुताबिक वह मंत्री को धक्का दे कर उनकी कोठी से भाग निकली। इस मामले में पुलिस को शिकायत देने से पहले पीड़िता ने मुख्यमंत्री खट्टर, गृह मंत्री अनिल विज और डीजीपी पी.के. अग्रवाल से मिलने की कोशिश की थी, लेकिन उसे समय नहीं दिया गया। आखिर थक-हार कर पीड़िता ने इनेलो के वरिष्ठ विधायक अभय सिंह चैटाला से मिल कर खेल मंत्री की छेड़छाड़ के मामले की जानकारी दी। इसके बाद इस मामले ने तब तूल पकड़ा, जब चैटाला ने इसकी जांच कराने और संदीप सिंह को फौरन गिरफ्तार करने की मांग की।
पीड़िता ने मीडिया के सामने यह भी कहा था कि उसके पास खेल मंत्री के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। उसकी नियुक्ति सितंबर महीने में हुई थी, लेकिन खेल मंत्री ने 13 मई को ही चैट के जरिए नियुक्ति तय हो जाने की उसे जानकारी दे दी थी। खेल मंत्री संदीप सिंह ने मंत्री उसे कहा था कि खेल निदेशक ने उसका नाम काट दिया था, लेकिन उन्होंने फिर से उसका नाम जुड़वा दिया है। ऐसे में उसका चयन तय है। महिला कोच ने यह भी आरोप लगाए कि श्खेल मंत्री ने उन्हें कहा कि तुम मुझे खुश करो, मैं तुम्हें खुश रखूंगा।श् छेड़छाड़ की यह घटना पिछले साल जुलाई महीने की है।
संदीप सिंह ने आरोप लगने के बाद खुद मुख्यमंत्री खट्टर से इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की थी।

छेड़छाड़ के आरोपों को नकारते हुए उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ यह राजनीतिक सजिश है। उनकी छवि खराब करने का षड्यंत्र रचा गया है। वे किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके पास महिला कोच की तरफ से दुव्र्यवहार करने की शिकायतें पहले ही आ चुकी हैं। मालूम हो कि चंडीगढ़ पुलिस को महिला कोच की तरफ से 30 सितंबर को दी गई शिकायत के आधार पर राज्य मंत्री के खलाफ विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करनी पड़ी थी।
चंडीगढ़ पुलिस के डीएसपी रामगोपाल का कहना था कि जांच निष्पक्ष होगी। चंडीगढ़ के सेक्टर-26 पुलिस थाने में संदीप सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा-354, 354 ए, 354 बी, 342 और 506 के तहत यह मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद चंडीगढ़ पुलिस ने संदीप सिंह के खिलाफ इस मामले में एक और धारा-509 जोड़ दी। पुलिस ने महिला कोच के फटे कपडे जब्त कर सीज कर दिए। इस दौरान पुलिस ने संदीप सिंह के सरकारी आवास पर पहुंच कर कुछ जरूरी दस्तावेज भी बरामद कर लिए।
छेड़छाड़ मामले में धारा-509 में अपराध साबित होने पर आरोपी को तीन साल की साधारण कैद या आर्थिक दंड अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है। यह धारा तब लगाई जाती है, जब कोई ऐसा शब्द बोला जाए या इशारा किया जाए, जिसमें किसी स्त्री के शील का अपमान करने का इरादा हो।
संदीप सिंह पर छेड़छाड़ के आरोपों के तहत चंडीगढ़ पुलिस 30 जून से दो जुलाई तक के सीसीटीवी फुटेज भी जुटाने की कोशिशों में लगी है। इससे ही यह साफ हो पाएगा कि महिला कोच कब मंत्री की कोठी पर पहुंची और कब वहां से वापस लौटी? वापस लौटते समय उसके क्या हाव-भाव थे? उसने कौन से कपड़े पहने हुए थे? उधर, महिला कोच के वकील दीपांशु ने कहा है कि जब पीड़िता का मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है तो आरोपी संदीप सिंह का मोबाइल फोन जब्त क्यों नहीं किया जा रहा है? पीड़िता का कहना है कि मंत्री और उसके मोबाइल की फोरेंसिक जांच करवा कर डिलीट किए मैसेज रिकवर किए जाएं, ताकि सच्चाई सामने आ सके।

इस बीच महिला कोच ने उसे लगातार धमकियां मिलने के भी आरोप लगाए हैं। आरोप है कि इंस्टाग्राम से लेकर सोशल मीडिया तक पर उसे धमकाया जा रहा है। अपनी सुरक्षा की गुहार लगाते हुए पीड़िता ने कहा है कि अगर उसे कुछ होता है तो इसके लिए खेल मंत्री संदीप सिंह ही जिम्मेदार होंगे। मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्री अनिल विज ने पीड़िता को अब पुलिस सुरक्षा उपलब्ध करवा दी है।
भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रहे संदीप सिंह ने भाजपा के टिकट पर पहली बार पेहोवा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। जीतने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री खट्टर ने राज्य मंत्री के तौर पर अपने मंत्रिमंडल में जगह दी थी, लेकिन महिला कोच छेड़छाड़ के आरोप लगने के बाद उनकी छवि पर आंच आई है। अगर वे जांच में निर्दोष पाए जाते हैं तो मंत्री बने रहेंगे और दोषी पाये गए तो फिर उनकी कुर्सी खतरे में पड़ सकती है।

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