नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में दो संदिग्ध आतंकवादियों की गिरफ्तारी के कुछ दिन बाद दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि उन्हें कुछ नेताओं पर हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम देने का काम सौंपा गया था।
पुलिस ने बताया कि दोनों ने कथित तौर पर एक व्यक्ति की हत्या कर दी और सीमा पार से अपने आकाओं के सामने अपनी क्षमता साबित करने के लिए उसके शव को दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया। पुलिस के मुताबिक तलाशी के दौरान तीन पिस्टल, 22 जिंदा कारतूस और दो हथगोले बरामद किए गए। लिस ने कहा कि दोनों पर यूएपीए अधिनियम, हथियार और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल इसी हफ्ते जहांगीरपुरी इलाके से जगजीत सिंह (29) और नौशाद अली (56) की जोड़ी को गिरफ्तार किया था। उन्हें दक्षिणपंथी झुकाव वाले नेताओं पर हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने का काम सौंपा गया था। पुलिस ने कहा कि आरोपी देश में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में शामिल कुछ विदेशी संस्थाओं के संपर्क में थे।
पुलिस ने बताया कि जगजीत एक हत्या के मामले में हल्द्वानी जेल में बंद था, जहाँ उसने बंबीहा गिरोह के सदस्यों के साथ घनिष्ठ संबंध विकसित किए। वह 20 दिन के पैरोल पर बाहर आया था और 20 अप्रैल 2022 को उत्तराखंड के गदरपुर के गुलरभोज में लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े अपराधियों ने उस पर हमला किया था।
वहीं, आरोपी नौशाद को पहले जहांगीरपुरी से भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। वह 1996 में दो महीने की पैरोल पर बाहर आया था। फिर वह अपने अन्य साथियों के साथ हत्या के एक अन्य मामले में गिरफ्तार हुआ।
वर्ष 2018 में 25 वर्ष की कैद पूरी कर वह जेल से छूटा था। पुलिस ने दावा किया कि जेल में लंबी अवधि के दौरान वह सीमा पार के आकाओं के संपर्क में आया। फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज की पहचान करने के लिए आगे की पूछताछ चल रही है।