शिमला । उत्तराखंड के जोशीमठ की घटना के बाद हिमाचल प्रदेश सरकार भी हरकत में आ गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सचिवालय में आपदा प्रबंधन के अधिकारी और सभी जिलों के उपायुक्तों की बैठक कर हिमाचल प्रदेश में इस तरह की घटनाओं की संभावनाओं को लेकर बैठक की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जोशीमठ जैसे घटना की संभावना नहीं है, लेकिन फिर भी अधिकारियों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश के सीकिंग और स्लाइडिंग वाले क्षेत्रों को लेकर डीसी से जानकारी ली गईं है।
हिमाचल में फिलहाल जोशी मठ जैसी आपदा नजर नहीं आती है। इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों को आपदा के दृष्टिगत आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमता बढ़ाने तथा पूर्व चेतावनी प्रसार प्रणाली विकसित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने किन्नौर, कुल्लू, चम्बा तथा कांगड़ा जिलों के उपायुक्तों को भू-धंसाव के संभावित क्षेत्रों की पहचान करने तथा रिपोर्ट सरकार को भेजने के निर्देश दिए।
उन्होंने उपायुक्तों को भू-स्खलन तथा भू-धंसाव व सड़क हादसों के ब्लैक स्पॉट्स की अलग-अलग रिपोर्ट भेजने के भी निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश में विभिन्न आपदाओं से होने वाले नुकसान की विस्तृत जानकारी भी ली। उन्होंने आपदाओं से निपटने के लिए संस्थागत स्तर से लेकर व्यक्तिगत स्तर तक तैयारियों को मजबूत करने व शमन और निवारक उपायों पर विशेष बल दिया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से प्रदेश में भूस्खलन प्रभावित स्थलों तथा सिकिंग जोन का पूर्ण विवरण लिया। उन्होंने इन क्षेत्रों में जोखिम न्यूनीकरण तथा आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत समय-समय पर किए गए विभिन्न उपायों का ब्यौरा भी लिया।
सुक्खू ने कहा कि 18 जनवरी को राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ हिमाचल में प्रवेश करेगी। लगभग 23 किलोमीटर राहुल गांधी हिमाचल प्रदेश के भीतर पैदल मार्च करेंगे जिसमें प्रदेश कांग्रेस के कई नेता भी शामिल होंगे।