देहरादून। अंकिता भण्डारी के पिता वीरेंद्र भंडारी ने हत्याकांड के आरोपियों की पैरवी शासकीय अधिवक्ता द्वारा किए जाने पर आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने कहा कि शासकीय अधिवक्ता बेटी के हत्यारों को बचाने के लिए पैरवी कर रहे हैं, जो नियम व न्याय के खिलाफ है।
भंडारी ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में नहीं की जा रही है। कहा कोर्ट ने हत्याकांड की पैरवी के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता क्रिमनल की तैनाती के निर्देश सरकार को दिए थे, लेकिन आज तक अधिवक्ता की तैनाती नहीं हुई है।
शुक्रवार को अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी मुख्यालय पौड़ी पहुंचे। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर ङ्क्षसह धामी को ज्ञापन भेज सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए। इस मौके पर भंडारी ने कहा कि अंकिता के हत्यारों को जल्द से जल्द कठोर सजा मिलनी चाहिए।
लेकिन सरकार मामले में मजबूती से पैरवी नहीं कर पा रही है। कहा मामले में सरकार के शासकीय अधिवक्ता ही हत्याकांड के आरोपियों को बचाने के लिए पैरवी में जुटे हैं। भंडारी ने कहा कि अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, अंकित व सौरभ के नार्को व पॉलीग्राफ टेस्ट के खिलाफ सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (राजस्व) आरोपियों की ओर से पैरवी कर रहे हैं।
इससे पहले उनके ही जूनियर ने अधिवक्ता ने आरोपियों की बेल दाखिल की थी। कहा नियम व न्याय के विरुद्ध कार्य कर रहे शासकीय अधिवक्ताओं के खिलाफ तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाय।
भंडारी ने कहा कि हाईकोर्ट नैनीताल अंकिता हत्याकांड की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में किए जाने व मामले की सुनवाई के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता क्रिमनल तैनात किए जाने का आदेश दे चुकी है। लेकिन सरकार की ओर से इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।