देहरादून । उत्तराखंड विधानसभा से बर्खास्त कार्मिकों के अनिश्चितकालीन धरना के 17वें दिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने धरना स्थल पर पहुंचकर कार्मिकों का समर्थन कियो पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा भर्ती प्रकरण में बर्खास्त कार्मिकों की कोई गलती नहीं है बल्कि राज्य गठन के बाद से भी विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री एवं सरकार रही है, गलती उनकी है। उन्होंने कहा कि उन सब की सजा गरीब पहाड़ी युवाओं को नहीं मिलनी चाहिए।
बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विधानसभा के बाहर धरना स्थल पर पहुंच कर बर्खास्त कार्मिकों का समर्थन कियो हरदा ने कहा कि उनके कार्यकाल में हुई नियुक्तियां कैबिनेट, वित्त विभाग व कार्मिक विभाग की सहमति के उपरांत ही की गई है। इन नियुक्तियों में बर्खास्त कर्मचारियों कोई कसूर नहीं है सरकार रोजगार के जो भी रास्ते बनायेगी बेरोजगार उसी रास्ते पर तो चलेग।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने यूकेएसएससी के मामले को दबाने के लिए जबरन विधानसभा कर्मचारियों को शिकार बनाया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा भर्ती प्रकरण में गलती एक सरकार की नहीं है, अगर यदि गलत हुआ है तो शुरू से ही, अगर इन गलतियों को सुधारना है तो सर्वदलीय बैठक बुलाकर विधानसभा अध्यक्ष को इस पर विचार करना चाहिए यह विधानसभा की गरिमा का सवाल है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि रोजगार दे नहीं सकते तो रोजगार छिनने का भी किसी को अधिकार नहीं है, लोकहित में नियुक्तियां की जाती है किसी की नौकरी नहीं छीनी जाती। पूर्व मुख्यमंत्री ने पुरजोर विरोध किया है कि विधानसभा से कार्मिकों को बर्खास्त किया जाना सरासर अन्याय है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस गंभीर विषय पर आगे आकर विचार करना चाहिए जिसपर विपक्ष भी सरकार के साथ आगे आने के लिए तैयार है।
इस मौके पर पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रसाद नैथानी, पूर्व राज्यमंत्री सुरेंद्र बिष्ट, कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसोनी, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह, पूर्व राज्य मंत्री मनीष नागपाल, देवेंद्र नौटियाल, राज्य आंदोलनकारी अमरदेव गोदियाल, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जीत सिंह धानक, जगदीश सिंह धोनी, प्रताप राम, तिलोक नगरकोटी, राजेश अधिकारी, प्रदीप सिंह, गिरीश सिंह, ललित धानक, बालम बगड़वाल, नंदकिशोर, पंकज धोनी, कुलदीप सिंह, सुरेंद्र रौतेला, तुषांत बिष्ट, राहुल पांडे, हेमलता जोशी, स्वाति, सुमित्रा रावत, रश्मि सेमवाल सहित अन्य कार्मिकों मौजूद रहे।