देहरादून ।पूर्व मंडी अध्यक्ष विपुल जैन ने प्रदेश के पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज से माँग की है की पंचायत प्रमुखों के सीधे चुनाव पर अगर प्रदेश सरकार गंभीर है तो केन्द्र के समक्ष पूरी कैबिनेट का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के सभी सांसदगण के साथ प्रधानमंत्री समक्ष इस मांग को निर्णायक ढंग से उठाकर केन्द्र सरकार को इसमें देशभर में व्याप्त 40 हज़ार करोड़ से ज्यादा के भ्रष्टाचार के विषय (जो क्षेत्र पंचायत एवम् जिला पंचायत सदस्य के वोट बेचने पर )को इंगित करे ।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज जी को जुलाई 2022 में भी विपुल जैन द्वारा अनुरोध किया गया था की इस विषय में ख़ाली खबरों तक ही न सीमित रहा जाए।
पूर्व में पूर्व मंडी अध्यक्ष विपुल जैन द्वारा इस विषय (सीधे चुनाव)में हाई कोर्ट उत्तराखण्ड में डाली गई याचिका में न्यायालय के सख़्त निर्देश का निर्णय 2019 में आने पर दिसम्बर 2019 में उत्तराखण्ड सरकार को विधानसभा से संकल्प पारित कराकर भेजने का निर्णय लेना पड़ा । सतपाल महाराज भी उस विधानसभा के सदस्य थे ।
जिसके उपरांत निर्वाचन आयोग उत्तराखण्ड का वर्ष 2020 का केन्द्र को प्रस्ताव हेतु पत्र भी विपुल जैन को प्रेषित किया गया था ।एवम् विपुल जैन के पत्राचार के बाद उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग ने भी केन्द्र को इस विषय पर सहमति पत्र भेजा था ।उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग ने भी इस प्रणाली में भ्रष्टाचार में सुधार की बहुत बड़ी आवश्यकता को स्वीकार किया था ।
देश में एवम् प्रदेश में आवश्यक संशोधन होने पर मेयर के चुनाव सीधे मतदान द्वारा एक बड़ी आबादी पर होते आ रहें हैं ।
आजकल उत्तराखण्ड पेपर भर्ती घोटाले से पूरा देश सन्न है । भ्रष्टाचार के इस गंभीर विषय पर विपुल जैन का पुनः आग्रह है की (एक प्रदेश के प्रमुख समाचार पत्र ने फिर दिसम्बर 2022 में केन्द्र के द्वारा पुनः प्रस्ताव माँगे जाने की खबर प्रकाशित की है )क्योंकि देश में एवम् प्रदेश में एक ही दल की सरकार है तब इस गंभीर भ्रष्टाचार के विषय में ज़ोरदार पक्ष रखकर केन्द्र से संसद में आवश्यक संशोधन पंचायत प्रमुखों के सीधे चुनाव हेतु करवाया जाना पंचायती राज में भ्रष्टाचार को दूर करने में निर्णायक साबित होगा ,एवम् जनता की भी अपेक्षा पूरी होगी की भ्रष्टाचार पर अब सरकार गंभीर है ।