नई दिल्ली। नोट बंदी पर सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को पूरी तरह क्लीन चिट देते हुए बड़ी राहत प्रदान की है।
केंद्र सरकार के 2016 में 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने के फैसले को बरकरार रखा है।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि नोटबंदी से पहले केंद्र और आरबीआई के बीच सलाह-मशविरा हुआ था। इस तरह के उपाय को लाने के लिए एक उचित सांठगांठ थी और हम मानते हैं कि नोटबंदी आनुपातिकता के सिद्धांत से प्रभावित नहीं हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति एस.ए. नजीर की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि नोटबंदी के दौरान सभी प्रक्रियाओं का पूरी तरह पालन किया गया।
सुप्रीम कोर्ट इस बात से भी संतुष्ट नजर आया कि नोटबंदी को लेकर सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक के बीच छह महीने तक बातचीत हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोटबंदी से पहले केंद्र और आरबीआई के बीच सलाह-मशविरा हुआ था और इस तरह के फैसले को लाने के लिए एक उचित प्रक्रिया का पालन किया गया।