लखनऊ। 2023 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में विभिन्न सेक्टर में तमाम ऐसे कार्य शुरू होने जा रहे हैं जिनसे उत्तर प्रदेश की पहचान को नया आयाम मिलेगा। इसमें चिकित्सा, कानून व्यवस्था, पर्यटन, शिक्षा और इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट पर खासा फोकस किया गया है। इससे जहां प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं मिलेंगी तो वहीं नई टेक्नोलॉजी से शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़े परिवर्तन देखने को मिलेंगे। इतना ही नहीं प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र की आधारभूत संरचनाओं को मजबूत कर विकास की नई इबारत लिखी जाएगी।
प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और स्मार्ट बनाने पर नये वर्ष में जोर दिया जाएगा। इसके तहत बेसिक, जूनियर और माध्यमिक स्तर पर स्मार्ट क्लास के जरिये बच्चों को शिक्षा दी जाएगी। हर विद्यालय को दो-दो टैबलेट दिए जाएंगे। इतना ही नहीं नये साल से टीचर्स के साथ बच्चों की फेस रीडिंग के जरिए हाजिरी लगाई जाएगी। इसके साथ ही 77 टेक्स्ट बुक क्यू.आर. कोड पर उपलब्ध होंगी और शिक्षकों को पाठ्यक्रम का पॉकेट चार्ट उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रदेश के सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के सरल एप के माध्यम से निपुण एसेसमेंट टेस्ट कराए जाएंगे। साथ ही प्रदेश स्तर पर निपुण भारत मॉनिटरिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी। हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं को और पारदर्शी बनाने के लिए प्रश्नपत्र लेकर जाने वाले वाहन को जीपीएस से लैस किया जाएगा। इसका रूट भी तय किया जाएगा।
प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए योगी सरकार इस वर्ष प्रदेश के सभी 4600 वेलनेस सेंटर पर हेल्थ एटीएम की सौगात देने जा रही है। इसके साथ ही सभी हेल्थ एटीएम पर लोगों की सहायता के लिए एक्सपर्ट कर्मियों की नियुक्ति की प्रक्रिया को भी तेज कर दिया गया है।
इसके शुरू होने से मरीज को जांच की सुविधा मिल सकेगी। इतना ही नहीं हेल्थ एटीएम के साथ ही टेलीकंसल्टेशन की सुविधा भी स्वास्थ्य केंद्रों पर मिलने लगेगी। साथ ही प्रदेश के सभी पीएचसी और सीएचसी को एसजीपीजीआई से जोड़ा जाएगा। इससे लोगों को छोटी मोटी समस्या के लिए मेडिकल कॉलेज की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। वहीं इस वर्ष प्रदेश के लगभग सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज की सुविधा भी शुरू हो जाएगी। इस दिशा में युद्धस्तर पर काम चल रहा है।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के एजेंडे में प्रदेश की कानून व्यवस्था शुरू से ही प्रमुखता पर रही है। इसी का नतीजा है कि प्रदेश में पिछले साढ़े पांच वर्षों में कानून का राज पूरी तरह से स्थापित हुआ है और अपराध की घटनाओं में काफी गिरावट दर्ज की गई है। नये साल पर अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने के साथ प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य सरकार ने पुलिस को अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस करने को लेकर ड्रोन की खरीदारी के लिए बजट जारी कर दिया है।
एक विभागीय अधिकारी ने बताया कि अब तक हाईटेक टेक्नोलॉजी के 159 ड्रोन को खरीदे जा चुके हैं, जिसमें से हर जिले को एक-एक ड्रोन दिये जा चुके हैं। वहीं 84 और ड्रोन नये साल पर जिलों को सौंपे जाएंगे। प्रत्येक जिले को दो ड्रोन दिये जा रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्र के विकासको नई दिशा मिलेगी
नये साल पर करीब दो हजार बॉडी वार्न कैमरे खरीदे जाएंगे, जिसकी अनुमति मिल चुकी है। नये साल पर प्रदेश के सभी थानों को पूरी तरह से सीसीटीवी से लैस कर दिया जाएगा। जेल में बंदियों पर कड़ी निगरानी के लिए तीन हजार हाईटेक सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। यह सीसीसीटी प्रदेश की तीस जेलों में लगाए जा रहे हैं। इससे बंदियों की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग से ही हो जाएगी।
गांवों में विकास को नई गति देने तथा वहां की समस्या को स्थानीय स्तर पर दूर करने के लिए जनवरी माह से ग्राम चौपाल का आयोजन किया जाएगा। ग्राम्य विकास विभाग के कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी ने बताया कि जनवरी से प्रत्येक शुक्रवार को प्रत्येक विकासखंड की तीन ग्राम पंचायतों में ग्राम चौपाल का आयोजन किया जाएगा।
ऐसे में हर शुक्रवार को प्रदेश के ढाई हजार गांवों में जिले के जिला विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण एवं उपायुक्त स्वत: रोजगार श्रम रोजगार चौपाल में शामिल होंगे। सभी अधिकारी वहां की जनसमस्याओं को सुनने के बाद वहीं उनका समाधान करेंगे।
साथ ही इन क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति रिपोर्ट बनाकर शासन को सौंपेंगे। शासन को वहां की आवश्यकता के बारे में अवगत कराएंगे। इससे वर्ष 2023 में ग्रामीण क्षेत्र के विकास गति को नई दिशा मिलेगी और योगी सरकार की योजनाएं समय से पूरी हो सकेंगी।