नयी दिल्ली। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत वर्ष 2022 में (15 दिसंबर तक) कुल 11.37 करोड़ परिवारों ने रोजगार प्राप्त किए। इस दौरान इस कार्यक्रम के तहत कुल 289.24 करोड़ दिहाड़ी रोजगार सृजित किए गए।
मनरेगा प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों का गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान करके देश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एक अधिनियम है। ग्रामीण विकास मंत्रालय (ग्रामीण विकास विभाग) ने वर्ष 2022 के दौरान अपने कार्यक्षेत्र की प्रमुख पहल और उपलब्धियों की जानकारी देते हुए यह भी बताया है कि इस कार्यक्रम के तहत जनवरी,22 में 1.99 करोड़ परिवार, फरवरी में 2.01 करोड़ तथा मार्च में 1.99 करोड़ परिवारों को लाभ हुआ था।
चालू वित्त वर्ष में पहली अप्रैल से 15 दिसंबर 2022 के दौरान 5.38 करोड़ परिवार लाभान्वित हुए थे। मंत्रालय के अनुसार मनरेगा के तहत कुल सृजित रोजगार में अनुसूचित जाति के लाभार्थियों की भागीदारी 19.75 प्रतितश, अनुसूचित जनजाति की भागीदारी 17.47 प्रतिशत तथा महिला लाभार्थियों की भागीदारी 56.19 प्रतिशत है।
मंत्रालय ने मनरेगा योजना को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए ग्राम पंचायतों (जीपी) की भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) आधारित योजना के तहत जीआईएस का उपयोग करते हुए वाटरशेड विकास सिद्धांतों (रिज टू वैली अप्रोच) के आधार पर ग्राम पंचायतों की एक एकीकृत समग्र योजना शुरू की है। पन्द्रह दिसंबर 2022 तक, 2,62,654 ग्राम पंचायतों की योजनाओं को तीन साल की योजना के लिए संतृप्ति मोड में डिजाइन किया गया है।
इसके साथ ही राष्ट्रीय रिमोट सेसिंग सेंटर, इसरो, अंतरिक्ष विभाग द्वारा विकसित आनलाइन पोर्टल युक्तधारा के माध्यम से जीआईएस आधारित योजना,मजदूरी को खातों में सीधे हस्तांतरित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक निधि प्रबंधन प्रणाली (एनईएफएमएस)/डीबीटी व्यवस्था शुरू की है।
मनरेगा कार्यों के लिए अनुमान तैयार करने और अनुमोदन के लिए विशेष रूप से डिजाइन और विकसित एक आनलाइन एप्लिकेशन ‘सेक्योर’ लाया गया है। पन्द्रह दिसंबर 2022 तक, 701 जिलों में 27 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में इसे लागू किया गया है। पहली नवंबर, 2017 से पहले शुरू हुए सभी पूर्ण कार्यों की जियो-टैगिंग के लिए एक सितंबर, 2016 से शुरू जियो-मनरेगा के तहत 15 दिसंबर 2022 तक, 5.17 करोड़ से अधिक संपत्तियों को जियो-टैग किया जा चुका है। मंत्रालय ने कहा है कि कामों की सोशल आॅडिट की व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) कार्यालय के सहयोग से, लेखापरीक्षा मानकों को अंतिम रूप दे दिया गया है और उनका क्रियान्वयन शुरू हो गया है। इसके तहत 27 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में सामाजिक लेखापरीक्षा इकाइयां स्थापित की गई हैं। अठारह राज्यों की सामाजिक लेखापरीक्षा इकाइयों में स्वतंत्र निदेशक हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में, 2,70,325 ग्राम पंचायतों (जीपी) में से, 2,06,114 ग्राम पंचायतों को सामाजिक लेखा परीक्षा के लिए नियोजित किया गया है।
प्रधानमंत्री के प्रत्येक जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवरों (तालाबों) के निर्माण/जीर्णोद्धार के आह्वान पर शुरू अमृत सरोवर सतह देश में कुल 1,00,000 अमृत सरोवरों का निर्माण/पुनर्निर्माण किया जाएगा। पन्द्रह दिसंबर 2022 तक 25,951 अमृत सरोवर पूरे हो चुके हैं। विभाग के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत कुल 2.50 करोड़ घरों को मंजूरी दी गई है और 15 दिसंबर, 2022 तक 2.11 करोड़ घर बनाने का काम पूरा कर लिया गया था।
मंत्रालय ने कहा है कि वित्त वर्ष 2022-23 में 52.78 लाख घरों को पूरा करने के कुल लक्ष्य के मुकाबले अब तक कुल 31.43 लाख घर पूरे हो चुके हैं। मंत्रालय ने बताया कि दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़कर) के 723 जिलों के 6861 ब्लॉकों में पहुंच चुका है।
इसने 81 लाख एसएचजी में गरीब और कमजोर समुदायों की कुल 8.71 करोड़ महिलाओं को संगठित किया है। इसी तरह 2022 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत 23,364 करोड़ रुपये की लागत के साथ 39,413 किलोमीटर सड़क और 1,394 पुलों का निर्माण किया गया है।
इसमें राज्यों की हिस्सेदारी भी है। मंत्रालय के अनुसार ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण योजना (आरसेटी) के तहत 3.74 लाख को प्रशिक्षित किया है। इनमें नवंबर तक 2.51 लाख अभ्यर्थी काम में लग चुके हैं। इसी तरह वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, कुल 1,09,293 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया है और दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के तहत नवंबर 2022 तक 52,456 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया है।