बीमारी हो या महामारी आयुर्वेद और योग इन पर भारी
आयुर्वेद और योग की भूमिका विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन
डोईवाला। उत्तराखंड काउंसिल ऑफ साइंस एवं टेक्नोलॉजी (यूकॉस्ट) के सौजन्य से रोल ऑफ आयुर्वेद एवं योगा इन पेंडेमिक (महामारीयो में आयुर्वेद एवं योग की भूमिका) विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
हिमालयीय आयुर्वेदिक पीजी मेडिकल कॉलेज डोईवाला द्वारा कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में यूकॉस्ट की वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. अपर्णा सरीन मुख्य अतिथि रही। कार्यशाला में आयुर्वेद एवं योग विषय विशेषज्ञों द्वारा महामारी के दौरान आयुर्वेद एवं योग की भूमिका विषय पर अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए गए।
विषय विशेषज्ञों के अनुसार महामारीयो के विषयक एवं उनके प्रबंधन पर आयुर्वेद सहिंताओं में आज से 5000 वर्ष पूर्व की विस्तृत वर्णन किया गया है, जो आज भी किसी महामारी को रोकने एवं उसमें प्रबंधन हेतु प्रासंगिक है, आज आयुर्वेद एवं योग ही ऐसा साधन है जो जन सामान्य की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर उसको किसी भी महामारी या रोग से लड़ने की क्षमता प्रदान करती है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न संस्थानों से आए प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया तथा शोधार्थियों द्वारा उक्त विषय पर अपने शोध पत्र प्रदर्शित किए गए, कार्यक्रम में प्रस्तुत किए गए शोध पत्रों का संकलन कर कार्यशाला की स्मारिका का विमोचन भी गणमान्य अतिथियों द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के अवसर पर हिमालयीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रदीप कुमार, कुलपति प्रो. जेपी पचौरी, आयुर्वेद कॉलेज प्राचार्य डॉ०. एके झा, डॉ. निशांत राय जैन, उप प्राचार्या डॉ पुष्पा रावत ने भी विचार रखे। कार्यक्रम के दौरान आयुर्वेद कॉलेज के प्रतिभावान छात्रों राघव गुप्ता व हिमाद्रि रोहेला को भी योग और शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर सचिव डॉ. नीरज श्रीवास्तव डॉ. मोहिता, डॉ. नंद किशोर, डॉ. वंदना, डॉ. कृतिका, डॉ. काव्या, डॉ. सत्येंद्र, डॉ, श्रीमंत, डॉ. अमित, प्रकाश श्रेष्ठ, हरीश नवानी, नवीन पोखरियाल, अनुज गर्ग, प्रताप नेगी, राकेश पोखरियाल, करनैल सिंह, जनार्दन भट्ट आदि उपस्थित रहे।