नयी दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी देते हुए कहा कि संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण पेनिसिलिन और एमोक्सिसिलिन सहित एंटीबायोटिक दवाओं की कमी हो चुकी है। यह जानकारी डब्ल्यूएचओ समूह के दवा आपूर्ति और अभिगमन के प्रमुख लिसा हेडमैन ने दी।
उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ द्वारा जिन देशों के डेटा एकत्रित किए गए हैं, उनके अनुसार यूरोपीय संघ के देशों, कनाडा और अमेरिका सहित 35 देशों में लगभग 80 प्रतिशत पेनिसिलिन से संबंधित एंटीबायोटिक दवाओं की कमी हो चुकी हैं जबकि गरीब और छोटे देशों की स्थिति और ज्यादा खराब है क्योंकि उन्हें एंटीबायोटिक दवाओं का आयात करना पड़ता है।
हेडमैन ने फाइनेंशियल टाइम्स को कहा,‘‘यह कमी इसलिए हुई है क्योंकि देशों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि पहले वर्ष में बिना मास्क के श्वसन संक्रमण हमें इतनी बुरी तरह प्रभावित करेगा। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि इन दवाओं की कमी का एक अन्य कारण कोविड-19 महामारी है जिसके कारण आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान उत्पन्न हुआ और एंटीबायोटिक दवाओं की मांग में कमी हुई, जिसके परिणामस्वरूप उनका उत्पादन भी कम हो गया। फाइनेंशियल टाइम्स ने कहा कि अमेरिका और यूरोप के फार्मासिस्टों ने भी सर्दियों की लहर में फ्लू और कोविड-19 के कारण बढ़ती मांग के बीच दर्द निवारक दवाओं की कमी की जानकारी दी है।