देहरादून। विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) अल्मोड़ा की बैठक का आयोजन संस्थान के निदेशक तथा नराकास के अध्यक्ष डाॅ. लक्ष्मी कान्त की अध्यक्षता में किया गया।
इस बैठक में अल्मोड़ा नगर के केन्द्रीय सरकार के विभागों, कार्यालयों, उपक्रमों, सशस्त्र बलों तथा राष्ट्रीयकृत बैंकों के अधिकारियों एवं प्रतिनिधियों ने सहभागिता की। डाॅ. जेकेबिष्ट, विभागाध्यक्ष, फसल उत्पादन ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए उन्हें संस्थान की उपलब्धियों से अवगत कराया तथा कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत की। तत्पश्चात सभी सदस्य कार्यालयों के प्रतिनिधियों द्वारा अपना परिचय दिया गया।
इसके उपरान्त डाॅ. प्रियंका खाती, वैज्ञानिक द्वारा नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की पिछली बैठक के बिन्दुओं पर की गई कार्यवाही प्रस्तुत की गयी। श्रीमती रेनू सनवाल, सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी द्वारा राजभाषा वार्षिक कार्यक्रम 2022-23, राजभाषा अधिनियम 1963 की 3(3) व राजभाषा नियम 11 की जानकारी दी गयी।
नराकास के अध्यक्ष एवं संस्थान के निदेशक डाॅ0 लक्ष्मीकान्त ने सभी नराकास के सदस्यों का स्वागत एवं आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम सब का कत्र्तव्य हैं कि राजभाषा हिन्दी का अधिकाधिक प्रयोग किया जाय। उन्होंने नराकास के उदेश्य प्रेरणा, प्रोत्साहन एवं सदभावना पर बल देते हुए कहा कि हमें सभी को हिन्दी में कार्य करने हेतु प्रेरित करना चाहिए तथा हिन्दी में अच्छा कार्य करने हेतु प्रोत्साहन देना चाहिए तथा हिन्दी का विकास सदभावना के उदेश्य से करना चाहिए।
उन्होंने पिछली बैठक की समीक्षा करते हुए सभी सदस्य कार्यालयों से अनुरोध किया कि वे राजभाषा की वेबसाइट पर जल्दी से जल्दी पंजीकरण करवायें तथा राजभाषा विभाग को भेजी जाने वाली रिपोर्ट को भी समय पर प्रेषित करें। उन्होंने राजभाषा की वेबसाइट पर पंजीकरण करने एवं तिमाही व छमाही रिपोर्ट प्रस्तुत करने के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि हम भारत सरकार में सेवारत है अतः हमें राजभाषा अधिनियम के अन्तर्गत आने वाली सभी नियमों को अनुपालन करना चाहिए ताकि संसदीय समिति के निरीक्षण के दौरान उन्हें किसी प्रकार कठिनाई ना हो। उन्होंने सभी सदस्य कार्यालयों से आग्रह किया कि वे अगली बैठक में अपने-अपने संस्थान में हो रही हिन्दी की प्रगति पर पांच मिनट का एक प्रस्तुतीकरण दें जिससे अन्य सदस्य कार्यालय भी लाभान्वित हो सकें।
डाॅ. कान्त ने सभी आगन्तुकों को कम्प्यूटर की उन विधाओं से भी अवगत कराया जिसके द्वारा वे आसानी से हिन्दी टंकण व अनुवाद का कार्य कर सकते है। कार्यक्रम का कुशल संचालन सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी श्रीमती रेनू सनवाल द्वारा किया गया तथा धन्यवाद प्रस्ताव नराकास के सदस्य सचिव श्री ललित मोहन तिवारी द्वारा ज्ञापित किया गया।