बेलगावी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) से संबंधित विधेयक राज्य विधानसभा के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश नहीं किया जाएगा। श्री बोम्मई ने कहा कि सरकार कर्नाटक में यूसीसी को लागू करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। यूसीसी और विभिन्न राज्यों में विकास के संबंध में भारतीय संविधान का अध्ययन करने के बाद निर्णय लिया जाएगा।
हलाल प्रमाणन पर प्रतिबंध लगाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के विधान पार्षद (एमएलसी) एन रवि कुमार की एक निजी सदस्य विधेयक पेश करने की योजना के बारे में पूछे जाने पर श्री बोम्मई ने कहा,‘‘जब यह विधानसभा में आएगा तो हम देखेंगे। निजी सदस्य विधेयक की अपनी स्थिति है। हम देखेंगे कि यह क्या है।
गौरतलब है कि कुमार ने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 में संशोधन के लिए एक निजी सदस्य के विधेयक को पेश करने की अनुमति मांगने के लिए विधान परिषद के अध्यक्ष को एक पत्र लिखा था, ताकि किसी भी निजी संगठन को खाद्य पदार्थों का प्रमाणन जारी करने से रोका जा सके। बेलगावी आने की महाराष्ट्र के सांसद की योजना पर बोम्मई ने कहा कि न केवल उन्हें, बल्कि सरकार ने अन्य चार लोगों को भी प्रतिबंधित कर दिया है जो यात्रा करना चाहते थे। उन्होंने कहा,‘‘हम किसी को भी अवैध रूप से कर्नाटक में प्रवेश नहीं करने देंगे।
बेलागवी में दस दिवसीय शीतकालीन सत्र की शुरुआत आज विधान सभा के पूर्व उपाध्यक्ष विश्वनाथ चंद्रशेखर ममानी, समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव और हाल ही में निधन हुए आठ अन्य पूर्व विधायकों को श्रद्धांजलि देकर हुई।
बोम्मई ने कहा कि विधानसभा सत्र लोगों को राहत देने के लिए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेगा। सुवर्ण विधान सौधा के लिए रवाना होने से पहले सांबरा हवाईअड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने और समाधान खोजने की जरूरत है। उन्होंने कहा,‘‘अगले दस दिनों में कई विषयों पर चर्चा होनी है। सत्र कई कानूनों को बनाने के लिए बुलाया गया है।