हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के तौर पर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शपथ ले ली है। वो राज्य 15वें मुख्यमंत्री बने है। वहीं मुकेश अग्निहोत्री ने राज्य के उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है।
11 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद पहली बार सुक्खू का बयान भी आया है।
उन्होंने शपथ लेने के बाद कहा कि हमने चुनाव से पहले 10 गारंटियां दी थी। हम उन गारंटियों को लागू करेंगे। कैबिनेट के विस्तार के बाद बैठक में फैसला होगा कि पहले किस योजना पर काम करना है। हम राज्य में पारदर्शी और ईमानदार सरकार देंगे।
उन्होंने कहा कि हमारा सबसे अहम मुद्दा ओपीएस यानी पुरानी पेंशन स्कीम का रहा है। हम पहली कैबिनेट की बैठक में इस मुद्दे को लागू करेंगे। चुनाव से पहले जितने वादे पार्टी ने किए थे उन सभी को पूरा किया जाएगा। बता दें कि रविवार को सुक्खू के साथ पूर्व नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने भी हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है।
सुक्खू को पार्टी के दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह का आलोचक माना जाता था जिन्होंने पांच दशक से अधिक समय तक हिमाचल प्रदेश की राजनीति पर अपना दबदबा कायम रखा था। सिंह का पिछले साल निधन हो गया था।
वीरभद्र सिंह की करिश्माई मौजूदगी के बिना इस राज्य में पार्टी की पहली जीत के साथ, सुक्खू को इस शीर्ष पद पर विराजमान करना यह स्पष्ट करता है कि पार्टी आगे बढ़ने के लिए तैयार है।
सुक्खू एक सामान्य परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता सड़क परिवहन निगम में चालक के पद पर कार्यरत थे। सुक्खू अपने शुरुआती दिनों में छोटा शिमला में दूध का काम किया करते थे।
छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के साथ अकसर टकराव होने के बावजूद सुक्खू 2013 से 2019 तक रिकॉर्ड छह साल तक पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष बने रहे। हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सत्ता छीनने के बाद सुक्खू और प्रतिभा सिंह दोनों ने मुख्यमंत्री पद के लिए दावा पेश किया था।