छह वर्ष की ज्यादातर भर्तियोंं में हुआ भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद

रिटर्न में सात गुना अधिक अभ्यर्थियों का चयन करता है गड़बड़ी का इशारा

  • स्थायी निवास की अनिवार्यता न लगाकर राज्य के बेरोजगारों का हक मारने का आरोप

देहरादून। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा एवं उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि राज्य में पिछले 6 वर्ष में जितनी भी भर्तियां हुई उनमें से अधिकतर में भ्रष्टाचार व भाई-भतीजावाद सामने आया है। कापड़ी ने कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों में आज भी गिरफ्तारियां जारी हैं वहीं सहकारिता विभाग की भर्तियों में कई जनपदों में भाई भतीजावाद व घोटाले उजागर हुए हैं।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अब उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा की जा रही भर्तियों में अपनी ही नियमावली का उल्लंघन किया जा रहा है। लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पॉलीटेक्निक परीक्षा 2015 में पदों के सापेक्ष 5 के स्थान पर 8 अभ्यर्थियों का नियम विरूद्ध चयन कर दिया गया है। आरटीआई के माध्यम से प्राप्त दस्तावेज दिखाते हुए कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि आयोग द्वारा ली गई परीक्षा की अंकतालिका में हेरफेर की नीयत से नम्बरों में कटिंग की गई है तथा कुल नम्बरों के जोड$ में भी अंतर पाया गया है। उन्होंने कहा कि इन भर्तियों की उच्चस्तरीय जांच कराई जानी चाहिए।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि इसके बावजूद राज्य सरकार द्वारा लोकसेवा आयोग को एई और जेई पदों की भर्ती की जिम्मेदारी सौंपी गई है जो कि राज्य के बेरोजगार युवाओं के साथ बड़ा अन्याय है। उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोग द्वारा एई भर्ती में पदों के सापेक्ष तीन गुने अभ्यर्थियों का चयन किया गया है, परन्तु इसके विपरीत जेई भर्ती में 776 पदों के सापेक्ष 3721 अर्थात लगभग 7 गुना अधिक अभ्यर्थियों का चयन किया जाना न केवल भर्ती नियमों के विरूद्ध है बल्कि भारी भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।

इसी प्रकार समूह ग के पदों जिन पर केवल राज्य के मूल निवासियों का अधिकार होता है तथा इन भर्तियों में स्थायी निवास प्रमाण पत्र की अनिवार्य होती है, परन्तु आयोग द्वारा इन भर्तियों के 1012 पदों के लिए स्थानीय निवास प्रमाण पत्र की अनिवार्यता न रख कर राज्य के बेरोजगार युवाओं का हक मारा जा रहा है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कांग्रेस राज्य के बेरोजगार नौजवानों के हित में सड़क से लेकर सदन तक अपना संघर्ष जारी रखेगी। कांग्रेस पार्टी ने उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित समूह ग की भर्तियों की जांच की मांग करते हुए कहा कि लोक सेवा आयोग द्वारा भर्तियों के लिए मांगे गये आवेदन पत्रों में 1012 उत्तराखण्ड के स्थान पर राज्य का स्थायी निवास प्रमाण पत्र अनिवार्य किया जाए जिससे राज्य के युवाओं के रोजगार की रक्षा हो सके।

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