जच्चा-बच्चा की मौत पर प्रदर्शन, 5 लाख मुआवजे की मांग

नैनीताल।  जनपद के दूरस्थ ओखलकांडा विकासखंड के डालकन्या क्षेत्र के ग्रामीणों ने गुरुवार को कुमाऊं मंडल की स्वास्थ्य निदेशक के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। पूर्व दर्जा राज्य मंत्री हरीश पनेरू की अगुवाई में हुए प्रदर्शन में क्षेत्र वासियों का कहना था कि गांव के दिव्यांग व्यक्ति ललित बुग्याल की पत्नी व नवजात शिशु की गत 29 नवंबर को डालकन्या में चिकित्सालय होने के बावजूद उपचार के अभाव में प्रसव के दौरान मौत हो गई। बताया कि ललित स्वयं हल्द्वानी के सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में भर्ती है।

उसकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। लिहाजा उसे कम से कम पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाए।
साथ ही कहा कि डालकन्या के चिकित्सालय के व्यवस्थाओं में कमी से निकटवर्ती 15-2 गांवों के लिए प्रभावित हैं। व्यवस्था में सुधार की मांग करते हुए ऐसा न करने पर आंदोलन की धमकी दी गई। प्रदर्शन में संयुक्त संघर्ष समिति ओखलकांडा के अध्यक्ष मोहन चौहान, मदन गौनिया, हरेंद्र बिष्ट, छात्र नेता हल्द्वानी दीपक मेवाड़ी, सूरज रावत, ईश्वर दत्त परगाई व जगदीश मेहता आदि लोग शामिल रहे।

मृतक अस्पताल नहीं गई : सीएमओ

जच्चा-बच्चा की मौत पर पूछे जाने पर जनपद के एसीएमओ डॉ. तरुण कुमार टम्टा ने बताया कि गर्भवती की सभी रिपोर्ट सामान्य थीं। उसे गांव की ही एएनएम ने चिकित्सालय में दिखाने को कहा थी, लेकिन वह चिकित्सालय नहीं आई। उन्होंने माना कि संस्थागत प्रसव कराने की अनेकों अपीलों के बावजूद गर्भवती महिलाएं पूरी तरह से चिकित्सालय में प्रसव नहीं करा रही हैं।

गांव में जो भी समर्थ, कर रहा पलायन

विरोध-प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे कांग्रेस नेता व पूर्व दर्जा राज्य मंत्री ने माना कि दूरस्थ ओखलकांडा विकासखंड के गांवों में केवल लाचार लोग ही रह रहे हैं। जो भी थोड़ा समर्थ हो रहे हैं, बाहर पलायन कर रहे हैं। क्षेत्र के विधायक से लेकर कई जिला पंचायत सदस्य व क्षेत्र पंचायत सदस्य तथा ग्राम प्रधान भी बाहर रहते हैं और क्षेत्र की राजनीति करते हैं। वह स्वयं किच्छा रहते हैं। ऐसे में क्षेत्र की समस्याओं के समाधान की कैसे उम्मीद की जा सकती है।

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