नयी दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देशवासियों से सशस्त्र सेना ध्वज दिवस कोष में दिल खोलकर योगदान देने की अपील करते हुए कहा है कि सैनिकों और उनके परिवारों का कल्याण सुनिश्चित करना प्रत्येक नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है।
श्री सिंह ने रक्षा मंत्रालय के पूर्व सैनिक कल्याण विभाग द्वारा आयोजित सशस्त्र सेना ध्वज दिवस ’सीएसआर’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए सेवानिवृत्त और सेवारत सशस्त्र बलों के कार्मिकों के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि इनकी वीरता और बलिदान ने देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा की है।
रक्षा मंत्री ने नागालैंड में कोहिमा समर स्मारक पर लिखे एक सैनिक के संदेश का विशेष उल्लेख किया, जिसमें लिखा था , जब आप घर जाएं, तो उन्हें हमारे बारे में बताएं और कहें, आपके कल के लिए, हमने अपना आज दिया’। उन्होंने कहा कि सैनिकों और उनके परिवारों की मदद करना राष्ट्र की सामूहिक जिम्मेदारी है।
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘आजादी के बाद से, चाहे युद्ध जीतना हो या सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियों से निपटना हो, हमारे सैनिकों ने साहस और तत्परता के साथ सभी चुनौतियों का मुंहतोड़ जवाब दिया है। इस कार्य में, उनमें से कई ने सर्वोच्च बलिदान दिया और कई शारीरिक रूप से अक्षम हो गए।
उनके परिवार की पूरी जिम्मेदारी उन पर है। इसलिए, यह हमारी मौलिक जिम्मेदारी है कि हम आगे आएं और हर संभव तरीके से हमारे सैनिकों और उनके परिवारों का समर्थन करें। यह हमारे वीर सैनिकों के कारण है, जो सीमाओं पर हमेशा सतर्क रहते हैं, हम शांति से सोते हैं और बिना किसी डर के अपना जीवन जीते हैं।
सिंह ने कहा कि बड़ी संख्या में सैन्य कर्मी 35 से 40 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं ताकि सशस्त्र बलों की युवा प्रोफाइल को बनाए रखा जा सके। उन्होंने इसे लोगों द्वारा पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को हर संभव मदद देने का एक और कारण बताया। देश के वीर सैनिकों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए श्री सिंह ने कहा कि इस दिशा में कई पहल की गई हैं।
इन पहलों में ‘भारत के वीर’ पोर्टल शामिल है, जिसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के अधिकारियों और जवानों के कल्याण के लिए शुरु किया गया है। लॉन्च किया गया था। हाल ही में रक्षा मंत्री द्वारा सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष में योगदान के लिए ‘मां भारती के सपूत ’ वेबसाइट भी शुरू की गई है।
रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा , हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले सैनिकों का कल्याण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह सभी का कर्तव्य होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जिस देश में राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत नहीं है, वहां उद्योग और व्यवसाय कभी नहीं पनप सकते।
पिछले कुछ वर्षों में बड़े कॉर्पोरेट योगदानकर्ताओं के समर्थन की सराहना करते हुए, जिसके कारण कोष में पर्याप्त वृद्धि हुई है, उन्होंने सभी को सैनिकों और बड़े पैमाने पर राष्ट्र की भलाई के लिए और भी अधिक योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया।