देहरादून। उत्तराखंड विस के शीतकालीन सत्र के पहले दिन भोजनावकाश के बाद वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने चालू वित्तीय वर्ष का 5440.43 करोड़ रुपए का प्रथम अनुपूरक बजट पेश किया। अग्रवाल नेता सदन, मुख्यमंत्री के साथ बजट की प्रतियों के साथ सदन में पहुंचे।
उन्होंने उत्तराखंड राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबन्धन अधिनियम, 2005 की धारा-6 (5) के अधीन प्रावधानों का हवाला देते हुए इस प्रथम अनुपूरक बजट को प्रस्तुत करने के कारण बताए। उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा,‘‘जब कभी एक या अधिक अनुपूरक प्राक्कलन विधान सभा के समक्ष प्रस्तुत किए जाएंगे।
राज्य सरकार चालू वर्ष के बजट लक्ष्यों और भावी वर्ष के लिए मध्यकालिक राजकोषीय पुन:संरचना नीति के उद्देश्यों और लक्ष्यों के सम्बन्ध में अनुपूरक प्राक्कलन के राजकोषीय प्रभाव को पूर्णत: समाप्त करने के लिए व्यय की तत्समय कमी और / या राजस्व के संवर्द्धन को सूचित करने वाला विवरण भी संलग्न करेगी।
अग्रवाल ने सदन को बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट अनुमानों में रु. 2460.96 करोड़ का राजस्व अधिशेष तथा रु. 8503.70 करोड़ का राजकोषीय घाटा था। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के प्रथम अनुपूरक अनुदानों का आकार लगभग रू. 5440.43 करोड़ है, जिसमें लगभग रू. 2276.43 करोड़ के व्यय का अनुमान राजस्व पक्ष में तथा लगभग रु. 3164.00 करोड़ के अनुमान पूँजीगत पक्ष में है।
वित्त मंत्री ने अतिरिक्त व्यय की पूर्ति के संसाधनों का जानकारी देते हुए बताया कि अनुपूरक के अन्तर्गत, लगभग 726.94 करोड़ रुपए का प्राविधान केन्द्र सहायतित योजना तथा लगभग 106.20 करोड़ रुपए का प्राविधान वा‘ सहायतित योजनाओं के अन्तर्गत तथा रू. 2000 करोड़ का प्राविधान अर्थोपाय अग्रिम के प्रतिदान (वेज एंड मीन्स एडवांस) है।
इस प्रकार लगभग 2833.14 करोड़ रुपए का प्राविधान संसाधन सम्बद्ध योजनाओं के अन्तर्गत किया गया है। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त, लगभग 13.31 करोड़ रुपए का प्राविधान आकस्मिकता निधि की प्रतिपूर्ति के अन्तर्गत किया गया है।
वित्त मंत्री अग्रवाल ने बताया कि वेतन, भत्तों आदि की मद में आय-व्ययक 2022-23 में लगभग 17350 करोड़ का रुपए का अनुमान था, जिसके सापेक्ष कोषागार (आईएफएमएस) से प्राप्त आंकणों के अनुसार, माह अक्टूबर, 2022 तक के सापेक्ष लगभग 10380 करोड़ रुपए व्यय होने का अनुमान है, जो कि बजट अनुमान का लगभग 60 प्रतिशत है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष की शेष अवधि में चार माह का वेतन दिया जाना है। वेतन व्यय की प्रवृत्ति को दृष्टिगत रखते हुए वित्तीय वर्ष 2022-23 में वेतन आदि की मद में बचत होनी सम्भावित है। अग्रवाल ने विश्वास व्यक्त किया कि अनुपूरक मांग के कारण बढ़े हुए व्यय को स्वयं के संसाधनों में वृद्धि तथा सम्भावित बचतों की व्यवस्था कर पूरा किया जायेगा।