श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने एक आश्चर्यजनक घटनाक्रम में नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का फैसला किया। नेकां दिसंबर के पहले सप्ताह में अगले प्रमुख के लिए चुनाव करेगी। तब तक 85 वर्षीय अब्दुल्ला पार्टी का नेतृत्व करते रहेंगे।
अब्दुल्ला के पद छोड़ने की घोषणा के बाद, पार्टी ने शुक्रवार को नेकां के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की जयंती पांच दिसंबर को अध्यक्ष पद का चुनाव कराने के लिए अधिसूचना जारी की। चुनाव की अधिसूचना पार्टी महासचिव अली मोहम्मद सागर ने जारी की।
नेकां के एक प्रवक्ता ने कहा कि श्री अब्दुल्ला ने पद छोड़ने के अपने फैसले के बारे में अपने सहयोगियों जानकारी दी। प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा, वरिष्ठ सहयोगियों के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, डॉ अब्दुल्ला इस बात पर अड़े थे कि वे अपने निर्णय की समीक्षा नहीं करेंगे।
अचानक की गई इस घोषणा के आलोक में, जिसने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया, पार्टी संविधान के अनुसार, पार्टी महासचिव को पार्टी अध्यक्ष के लिए चुनाव कराने का काम सौंपा गया है, जो पांच दिसंबर को पूरा होगा। उस समय तक डॉ साहब अध्यक्ष के रूप में बने रहेंगे।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि अब्दुल्ला ने गुरुवार को यहां क्षेत्रों के प्रभारी, जिलाध्यक्षों और अन्य प्रांतीय पदाधिकारियों की पार्टी की बैठक के दौरान यह घोषणा की। अपने भाषण में उन्होंने पार्टी नेताओं से पार्टी का नियंत्रण अपने हाथ में लेने को कहा क्योंकि उनका स्वास्थ्य उन्हें पार्टी का नेतृत्व करने की अनुमति नहीं देता है। बैठक में अब्दुल्ला के पुत्र और पार्टी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि अब्दुल्ला फिर से चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं और इस बात की पूरी संभावना है कि उमर पार्टी के नए अध्यक्ष के रूप में चुने जा सकते हैं। वर्ष 2002 से 2009 तक की अवधि को छोड़ कर 1981 से लगातार फारूक अब्दुल्ला ने पार्टी अध्यक्ष के रूप में नेकां की सेवा की। इस बीच वर्ष 2002 में उनके बेटे उमर भी नेकां प्रमुख बने।