नयी दिल्ली। धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किये गये आप नेता एवं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की दिल्ली की एक विशेष अदालत ने जमानत अर्जी खारिज कर दी।
केंद्रीय जांच ब्यूरो के विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट, सांसद/विधायक मामले) विकास ढुल ने जैन सहित तीन आरोपियों की दलीलें सुनने के बाद सभी आरोपियों की जमानत याचिकाओं को निरस्त कर दिया। जैन के वकील ने अदालत के समक्ष दलील दी कि जैन द्वारा जेल मैनुअल के तहत प्रदान किए गए किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया गया है और ईडी द्वारा लगाए गए आरोप पूर्वाग्रह से ग्रसित है।
उन्होंने कहा कि सभी अभियुक्तों को सलाखों के पीछे रखने से कोई सार्थक उद्देश्य पूरा नहीं होगा। जैन के वकील ने कहा कि इस मामले में जैन का एकमात्र दोष यह है कि वह मंत्री बने और सार्वजनिक जीवन में आ गए अन्यथा कोई मामला नहीं बनता। वहीं, ईडी के वकील ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि जैन ने दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्य किया है और जेल से बाहर आने पर वह जाली दस्तावेज प्राप्त करने, डॉक्टरों और जेल अधिकारियों को प्रभावित करने का प्रबंधन कर सकते हैं।