काहिरा। जलवायु मुद्दे को लेकर मिस्र के शर्म एल शेख में आयोजित सीओपी-27 की बैठक में अमीर और गरीब देशों में टकराव देखने को मिल सकता है। संयुक्त राष्ट्र ने पिछले सप्ताह चेतावनी दी थी कि कार्बन उत्सर्जन में कटौती का वैश्विक प्रयास बेहद ही कम है जिससे दुनिया तबाही की राह पर है।
बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस मुद्दे पर आयोजित होने वाली बैठक की मेजबानी करने वाले मिस्र ने कड़ी चुनौती निर्धारित की है। गत वर्ष ग्लासगो में आयोजित संरा जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में इस चुनौती से निपटने के लिए कार्बन उत्सर्जन में कटौती, वित्त, नेट जीरो, जंगल संरक्षण तथा अन्य संकल्प पारित किए गए थे।
मिस्र ने कहा है कि उसका सम्मेलन इन सभी संकल्पों को लागू करने के बारे में होगा। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक इसका सीधा मतलब है कि यह सम्मेलन नगदी और विशेष रूप से विकसित देशों अपने वादों के अनुसार जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विकसित देशों को अच्छी वित्तीय सहायता करने के लिए आगे आना होगा।
संभवत: इसी वजह से बैठक में अमीर और गरीब देशों में टकराव की संभावना जतायी गयी है। रूस और यूक्रेन के बीच जब से युद्ध शुरू हुआ है, तब से वैश्विक स्तर पर ऊर्जा संकट तथा कुछ देशों में राजनैतिक अस्थिरता उत्पन्न हो गयी है। इस वजह से मिस्र में आयोजित बैठक में जलवायु परिवर्तन को लेकर अपने वादों को पूरा करने को लेकर टकराव होने की उम्मीद है।