नईदिल्ली। भारत में हंगामा मचने के बाद अंतत: यह साफ हुआ कि सोशल प्लेटफॉर्म साइट व्हाट्सएप सिर्फ भारत में ही नहीं बिगड़ा था। पूरी दुनिया में इसकी सेवा करीब दो घंटे तक बंद हो गयी थी। बाद में धीरे धीरे यह सेवा फिर से स्वाभाविक हो चुकी है। वैसे कंपनी ने इसके कारणों का कोई खुलासा नहीं किया है सिर्फ इस परेशानी को स्वीकार किया है।
इसलिए माना जा रहा है कि यह गड़बड़ी शायद कंपनी के सर्वरों में आयी खामी की वजह से हुई थी। भारत में अचानक से इसकी सेवा के बंद होने से लोग परेशान होने लगे थे। कुछ लोगों ने इस गड़बड़ी का व्यंग्य बनाकर अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर भी मजाक उड़ाया।
पता चला है कि इसके साथ साथ मेटा की कई अन्य सेवाएं भी इसकी चपेट में आ गयी थी। जिन्हें बाद में किसी तरह कंपनी के इंजीनियरों से सुधार लिया है। पश्चिमी देशों में दिन की शुरूआत यानी भारत में दोपहर के वक्त इस गड़बड़ी का पता चला था। निरंतर इसका इस्तेमाल करने वालों ने पाया था कि व्हाट्सएप पर कुछ भी नहीं हो रहा है।
यानी इसके जरिए न तो संदेश आ रहे हैं और ना ही कोई संदेश प्रेषित हो रहा है। कुछ लोगों को अपने व्हाट्सएप में लॉग इन करने में भी दिक्कत आने लगी थी। इस किस्म के प्लेटफॉर्मो की गतिविधियों पर नजर रखने वाले एक बेवसाइट ने इसे सर्वर की गड़बड़ी बताया है।
इस दौरान संदेशों के आदान प्रदान की जांच के माध्यम से इसके सर्वर से संदेशों का आदान प्रदान नहीं होने का संकेत पकड़ा गया था। कंपनी यानी मेटा के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी को इस गड़बड़ी की जानकारी है लेकिन प्रवक्ता ने इस गड़बड़ी के कारणों का खुलासा नहीं किया।
भारत में कुछ लोग इसे सूर्य ग्रहण का प्रभाव बताने से भी नहीं चूके। इस पर वैश्विक हलचल की असली वजह यह रही है इस पर प्रतिदिन खरबों संदेशों का आदान प्रदान होता है। वर्ष 2016 का आंकड़ा कहता है कि फेसबुक के मैसेंजर और व्हाट्सएप मिलाकर हर दिन साठ बिलियन संदेश भेजते हैं। अब यह आंकड़ा बढ़कर खरबों तक पहुंच चुका है।