नयी दिल्ली। छत्तीसगढ़ के कांकेर घाटी नेशनल पार्क के प्रजनन केंद्र (डियर पार्क) में पले-बढ़े 52 चीतलों को जंगल में छोड़ा गया है।
चीतलों को जंगल में छोड़ने की प्रक्रिया भी प्राकृतिक अपनाई गई और इन्हें बेहोश नहीं किया। वाइल्ड लाइफ सीसीएफ ए के श्रीवास्तव ने आज बताया चीतलों को दो महीने पहले जंगल में छोड़ा, लेकिन जानकारी किसी को नहीं दी थी।
खबर पहले ही रिलीज कर देते तो इन्हें खतरा हो सकता था। सब कुछ ठीक रहा तो संख्या कई गुना बढ़ेगी। मांसाहारी जानवर भी इसी जंगल को स्थायी ठिकाना बनाएंगे।
श्रीवास्तव ने बताया कि चीतलों को जंगल में छोड़ने बेहोश नहीं किया गया। इसके लिए बोमा तकनीक अपनाई गई। इसके तहत गुफा नुमा एक ढांचा खड़ा किया गया। दूसरे छोर से सटाकर गाड़ी रखी और रैंप बनाया। गुफा के मुख्य द्वार से गाड़ी तक खाने का सामान रखा गया। चीतल खाते-खाते रैंप से गाड़यिों में पहुंचे, फिर इन्हें जंगल में छोड़ा गया।