कियेब। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन द्वारा परमाणु हथियारों के विकल्प की बात कहने की वजह से यूक्रेन समर्थक देश भी सहमे हुए हैं। वैसे अमेरिकी गुप्तचर एजेंसियों का मानना है कि रूस ने ऐसे विनाशकारी हथियारों को तैनात करने की कोई तैयारी अभी नहीं की है।
इसके बाद भी नाटो देशों ने कहा है कि अगर रूसी राष्ट्रपति ने ऐसा विनाशकारी कदम उठाया तो जवाबी कार्रवाई में पूरी रूसी सेना का ही सफाया हो जाएगा। इन परस्परविरोधी बातों से यह साफ है कि रूस द्वारा परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की चेतावनी का पूरी दुनिया पर असर हो गया है।
दरअसर रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यह कहा था कि अपने देश की सीमा की रक्षा करने के लिए वह परमाणु हथियारों के विकल्प पर भी सोच सकते हैं। अन्य देशों की चिंता इस बात से बढ़ी हुई है कि परमाणु हथियारों का सबसे बड़ा भंडार ही रूस के पास है।
चिंता इस बात को लेकर भी है कि बड़े परमाणु हथियारों के अलावा उसके बाद सीमित इलाके तक विनाश करने वाले छोटे परमाणु हथियार भी हैं, जिन्हें टेक्टिकल हथियार माना जाता है। फिर भी अगर किसी स्थान पर रूस ने ऐसे स्थानीय प्रभाव वाले परमाणु हथियार का भी प्रयोग कर दिया तो वह युद्ध को और बड़ा बना देगा और दोनों तरफ से परमाणु हथियार चलने से कोई परहेज नहीं होगा।
पता चला है कि रूस के पास सीमित इलाके तक सब कुछ तबाह करने वाले छोटे परमाणु हथियार हैं। इन हथियारों के इस्तेमाल से कोई एक शहर पूरी तरह तबाह हो सकता है। इसकी चपेट में आने पर हजारों सैनिक एक साथ ही मर जाएगे। लेकिन चिंता का विषय उसके बाद के विकिरण को फैलने को लेकर अधिक है। ऐसे विकिरण चंद दिनों में समाप्त नहीं होते हैं।
यूरोपियन यूनियन की विदेश नीति के प्रमुख जोसफ बोरेल ने कहा कि अगर दुर्भाग्य से ऐसा हुआ तो जवाबी कार्रवाई में रूस की पूरी सेना का ही सफाया हो जाएगा। वैसे अमेरिकी गुप्तचरों की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति ने सिर्फ चेतावनी दी है।
रूस के अंदर ऐसे हथियारों को युद्ध के लिए तैयार करने की कोई पहल नहीं हुई है। फिर भी विदेशी गुप्तचर यह मानते हैं कि ब्लादिमीर पुतिन की बातों को हल्के में कभी नहीं लिया जाना चाहिए। इस बीच रूस के समर्थक देश बेलारूस के राष्ट्रपति अलेकजेंडर लुकासेंको ने सभी को इस बात के लिए आगाह किया है कि रूस को इतना अधिक दबाने की गलती नहीं करनी चाहिए ताकि वह कोई बड़ा कदम उठाने पर विवश हो जाए।