नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री विकास पहल (पीएम-डिवाइन) नाम से एक नयी योजना को मंजूरी दी है। पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) में विकास अंतराल को दूर करने के लिए केंद्रीय बजट 2022-23 में पीएम-डिवाइन की घोषणा की गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यहां मंत्रिमंडल की बैठक में स्वीकृत यह योजना शत-प्रतिशत केंद्र द्वरा प्रायोजित है। इसके लिए चालू वित्त वर्ष से 2025-26 (15वें वित्त आयोग की शेषअवधि) के चार वर्ष के लिए 6,600 करोड़ रुपये के परिव्यय की मंजूरी दी गयी है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल के निर्णयों की जानकारी देते हुए संवाददाताओं से कहा, पीएम-डिवाइन पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए मोदी सरकार की ओर से एक और बड़ा कदम है। इस योजना से पूर्वात्तर राज्यों के विकास के लिए पहले से चल रही अन्य सामाजिक तथा आर्थिक अवसंरचना विकास योजनाओं को और गति मिलेगी।
ठाकुर ने कहा कि यह नयी योजना केवल पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए है और इससे रोजगार सृजन को बड़ा बल मिलने वाला है।
सूचना प्रसारण मंत्री ने कहा, ‘‘ पहले लुक-ईस्ट (पूरब की ओर देखो) पॉलिसी थी, मोदी सरकार आने के बाद अब एक्ट ईस्ट (पूरब में काम करो) की नीति पर काम हो रहा है, उस क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य की सुविधाओं तथा बनियादी ढांचे को मजबूत करने की पहल की गयी है। 6600 करोड़ की नयी योजना से इन योजनाओं को बल मिलेगा।
एक सरकारी बयान में कहा गया है कि पीएम-डिवाइन केंद्र सरकार के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के विकास का मंत्रालय (डोनर) द्वारा लागू किया जाएगा। 2025-26 तक पीएम-डिवाइन परियोजनाओं को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा ताकि इस वर्ष के बाद कोई प्रतिबद्ध देनदारी न हो। बयान में कहा गया है, ‘‘ पीएम-डिवाइन प्रधानमंत्री गतिशक्ति की भावना के साथ बुनियादी ढांचे के निर्माण, उद्योगों, सामाजिक विकास परियोजनाओं का समर्थन करेगा और युवाओं और महिलाओं के लिए आजीविका गतिविधियों का निर्माण करेगा, जिससे रोजगार सृजन होगा।
सरकार का कहना है कि इस योजना के तहत समय और लागत में वृद्धि के निर्माण जोखिमों को सीमित करने के लिए, सरकारी परियोजनाओं पर पड़ने वाले इंजीनियरिंग-खरीद-निर्माण (ईपीसी) के आधार पर, जहां तक संभव हो, लागू किया जाएगा।