नैनीताल। उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में पिछले दो दिन से हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। दो दर्जन से अधिक सड़कें बंद हो गयी है। भूस्खलन के चलते चीन सीमा को जोड़ने वाले चार सीमा मार्ग अवरूद्ध हो गये हैं।
मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिये पुन: अलर्ट जारी कर दिया है। अतिवृष्टि को सबसे बड़ा असर पिथौरागढ़ जनपद के ऊंचाई वाले इलाकों पर पड़ा है। यहां पिछले दो दिनों से भारी बारिश के साथ ही हिमपात हो रहा है। चीन सीमा को जोड़ने वाले गाला-जिप्ती, तवाघाट-घटियाबगड़, घटियाबगड़-लिपूलेख, गुंजी-कुटी सीमा मार्ग विभिन्न जगह पर भूस्खलन के चलते पूरी तरह से अवरूद्ध हो गये हैं।
गाला-जिप्ती सीमा मार्ग कई जगह हुए भूस्खलन से पिछले एक अक्टूबर से बंद पड़ा है। चार बार्डर मार्ग बंद होने से पिथौरागढ़ का चीन सीमा से संपर्क कट गया है। कैलाश मानसरोवर मार्ग पर भी मालपा एवं बूदी के बीच लगभग आधा दर्जन जगहों में भूस्खलन हुआ है।
उधर आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर भी गुंजी एवं कुटी के बीच मलबा आने से यात्रा मार्ग बाधित हुआ है। यहां हिमपात एवं अतिवृष्टि के चलते राहत कार्य में मुश्किल आ रही है। प्रशासन के अनुसार मौसम में सुधार होने के साथ ही सड़कों को खोलने के काम में तेजी लायी जायेगी।
पिथौरागढ़ में घाट-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी दिल्ली बैंड के पास मलबा आने से राष्ट्रीय राजमार्ग नौ पर यातायात बाधित हो गया है। थल-मुनस्यारी राजमार्ग पर भी हर्डिया के पास भारी मलबा आने से आवाजाही ठप है। जनपद में तीन ग्रामीण मार्ग भी बंद हैं। चंपावत जनपद में भारी बरसात के चलते कई ग्रामीण मार्ग बंद हैं।
टनकपुर-घाट राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी मलबा आने से सुबह यातायात बाधित हो गया था लेकिन चंपावत जिला प्रशासन की मुस्तैदी से मार्ग को खोल दिया गया है। पिछले दो दिन से हो रही बरसात से नैनीताल जनपद में भी जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
यहां पांच ग्रामीण मार्ग बाधित हुए हैं जबकि अल्मोड़ा में छह ग्रामीण मार्ग भूस्खलन के चलते बंद हो गये हैं। दूसरी ओर मौसम विभाग ने अगले तीन दिन प्रदेश में भारी बरसात की चेतावनी जारी की है। आज सुबह जारी चेतावनी के अनुसार प्रदेश में नौ से ग्यारह अक्टूबर तक कुमाऊं एवं गढ़वाल मंडल के अधिकांश जनपदों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।