कोलंबो। जिनेवा में श्रीलंका में मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा करते हुए कई अन्य देशों ने एक प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। प्रस्ताव मूल रूप से ब्रिटेन , अमेरिका, जर्मनी, कनाडा, मलावी, मोंटेनेग्रो और नॉर्थ मैसेडोनिया द्वारा लाया गया था।
इस पर अब अल्बानिया, आस्ट्रेलिया, आस्ट्रिया, बेल्जियम, कनाडा, चेकिया, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आइसलैंड, आयरलैंड, लातविया, लिकटेंस्टीन, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, मार्शल आइलैंड्स, नीदरलैंड्स, न्यूजीलैंड और नॉर्वे के साथ-साथ स्लोवाकिया, स्वीडन और तुर्की ने भी हस्ताक्षर किए हैं।
इस सप्ताह जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में श्रीलंका में सुलह, जवाबदेही और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने वाले प्रस्ताव पर मतदान होगा। प्रस्ताव के मसौदे में मानवाधिकार के लिए उच्चायुक्त के कार्यालय से श्रीलंका में मानवाधिकारों की स्थिति पर अपनी निगरानी और रिपोर्टिंग बढ़ाने का अनुरोध किया गया है।
इसमें सुलह और जवाबदेही की प्रगति और आर्थिक संकट और भ्रष्टाचार से मानवाधिकारों पर असर भी शामिल है। कार्यालय से यह भी अनुरोध किया गया है कि वह 53वें सत्र और 55वें सत्र में मानवाधिकार परिषद को मौखिक अद्यतन दे और 54वें सत्र में एक लिखित अपडेट मुहैया कराये साथ ही एक व्यापक रिपोर्ट पेश करे, जिसमें 2024 में इसके 57वें सत्र में जवाबदेही को आगे बढ़ाने के लिए और विकल्प के तौर पर शामिल हों।