नई दिल्ली। स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) को गुरुवार को भारतीय सेना में शामिल किया गया है। पहला एलसीएच औपचारिक रूप से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने सेना उड्डयन कोर के महानिदेशक को सौंप दिया।
वायु सेना भी एलसीएच की तैनाती पाकिस्तान सीमा पर राजस्थान के जोधपुर में 03 अक्टूबर को करने जा रही है। अत्यधिक युद्धाभ्यास और फुर्तीला एलसीएच युद्धक क्षमता में काफी इजाफा करेगा।
सेना की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि एचएएल ने देश में निर्मित स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर भारतीय सेना को सौंप दिया है। एचएएल ने पहले स्वदेशी एलसीएच के कागजात औपचारिक रूप से सेना उड्डयन कोर के महानिदेशक को सौंपे।
सेना इसकी तैनाती कहां तैनात करेगी, इसका खुलासा फिलहाल नहीं किया गया है। हालांकि, भारतीय सेना ने कुछ महीनों पहले बेंगलुरु में एलसीएच की एक स्क्वाड्रन बनाई थी, जिसे बाद में चीन की सीमा के पास मौजूद एयरबेस पर भी तैनात किये जाने की तैयारी है। सेना 95 एलसीएच और खरीदेगी, जिनकी सात यूनिट्स अलग-अलग पहाड़ी इलाकों पर बनाई जाएगी।
एलसीएच दुनिया का एकमात्र अटैक हेलीकॉप्टर है, जो हथियारों और ईंधन के काफी भार के साथ 5,000 मीटर (16,400 फीट) की ऊंचाई पर लैंडिंग और टेक ऑफ कर सकता है। यह हेलीकॉप्टर 20 एमएम बुर्ज गन, 70 एमएम रॉकेट लॉन्चिंग सिस्टम, एयर टू ग्राउंड और एयर टू एयर लॉन्चिंग मिसाइल सिस्टम से लैस है।
एलसीएच दो इंजन वाला 5-8 टन वर्ग का लड़ाकू हेलीकॉप्टर है। एलसीएच में दो लोग बैठ सकते हैं। यह 51.10 फीट लंबा और 15.5 फीट ऊंचा है।
पूरे साजो-सामान के साथ इसका वजन 5800 किलो रहता है। यह 700 किलोग्राम वजन के हथियार लेकर अधिकतम 268 किमी. प्रतिघंटा की गति से उड़ सकता है। इसकी रेंज 550 किलोमीटर है और एक बार में यह लगातार 3 घंटे 10 मिनट उड़ सकता है। अधिकतम 6500 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है।