बैकडोर भर्ती मामला: 228 नियुक्तियां रद्द

विधानसभा अध्यक्ष ने सचिव मुकेश सिंघल को भी किया निलंबित

तत्कालीन अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल की भूमिका की भी होगी जांच

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा बैकडोर भर्ती को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने बड़ा एक्शन लेकर जता दिया है कि प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की नीति की अनदेखी नहीं की जाएगी। उधर, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष के इस फैसले की तारीफ करते हुए विवादित भर्तियों को रद्द करने के फैसले को अत्यंत सराहनीय कदम बताया है।
शुक्रवार को आयोजित प्रेसवार्ता में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने 2016 की 150, 2020 की 6 और 2021 की 72 तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त करने का फरमान सुनाया है। इसके अलावा विधासभा सचिव मुकेश सिंघल सस्पेंड की भी छुट्टी कर दी गई है। साथ ही, तत्कालीन अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल की भूमिका को लेकर भी जांच की जाएगी।
बता दें, विशेषज्ञ समिति ने विधानसभा में बैक डोर भर्ती की जांच पूरी कर बृहस्पतिवार को अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी थी। 2014 पन्नों की रिपोर्ट में सामने आया कि 2016, 2020, 2021 में तदर्थ भर्तियों में सीधे तौर पर अनियमितता पाई गईं।

यह भर्तियां चयन समिति के माध्यम से नियुक्ति नहीं हुई। साथ ही, इसके लिए न कोई आवेदन मांगे और न ही कोई एग्जाम हुआ। जिसके बाद तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त करने का फैसला किया गया है। इसे लेकर अब शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
उपनल द्वारा की गई 22 नियुक्तियों को भी निरस्त किया गया है। मालूम हो कि, कुल 32 पदों पर आवेदन मांगे गए थे, जिसे लेकर लखनऊ की एजेंसी का चयन किया गया था। लेकिन पेपर लीक मामले में ये एजेंसी विवादित रहीं। जिसमें सामने आया कि भर्ती को लेकर नियमों का उल्लंघन किया गया. साथ ही वित्तीय अनियमितताएं भी पाई गईं और सचिव की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। जिसके बाद ये भर्तियां निरस्त कर दी गईं।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष के इस फैसले की तारीफ की है। उन्होंने कहा, ह्यपूर्व में माननीय विधानसभा अध्यक्ष जी को भेजे गए अनुरोध पत्र के क्रम में अनियमित विधानसभा भर्तियों पर कार्रवाई प्रदेश सरकार की सुशासन नीति को लेकर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

माननीय विधानसभा अध्यक्ष जी द्वारा विवादित भर्तियों को रद्द करना अत्यंत सराहनीय कदम है। राज्य सरकार भविष्य में होने वाली भर्तियों में पूर्ण पारदर्शिता लाने हेतु एक कारगर नीति बनाने पर भी कार्य कर रही है।
काबिलेगौर है कि विधानसभा में हुई नियुक्तियों को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने डीके कोटिया की अध्यक्षता में जांच के लिए कमेटी का गठित की थी।

और कमेटी को एक माह में जांच रिपोर्ट देने को कहा गया था, लेकिन समिति ने महज 20 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपी है। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने उसी समय स्पष्ट कर दिया था कि भर्तियों में गड़बड़ी होने पर बड़ा एक्शन लिया जाएगा।

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