शिवालिक पहाड़ियों की बंजर भूमि पर बागवानी की बहार

शिमला। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला की बंजर शिवालिक पहाड़ियों को फलों के बगीचों से हरा भरा करने के लिए शुरू की गई एच पी शिवा परियोजना से क्षेत्र में खुशहाली के साथ ही शिवालिक क्षेत्र को ‘फ्रूट हब’ के रूप में विकसित करने के साथ साथ क्षेत्र के पर्यावरण और हवा की गुणवत्ता को भी सुधारने में मदद मिलेगी।

इस परियोजना के अन्तर्गत क्षेत्र की 17 पंचायतों की 233 हैक्टर भूमि को लगभग 500 करोड़ रुपए खर्च करके उपजाऊ भूमि के रूप में परिवर्तिति किया जायेगा जिससे प्रधानमंत्री की किसानों की आय को दुगना करने की योजना को भी साकार किया जा सकेगा।

राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री वीरेन्द्र कँवर ने बताया की परियोजना के पहले चरण में नौ हैक्टेयर भूमि पर फ्रंट लाइन डेमोंस्ट्रेशन्स प्लाट स्थापित करके अमरुद , अनार , माल्टा आदि फल पौधों की उच्च पैदावार प्रदान करने बाली प्रजातियों की 11913 पौधों को 81 किसानो की भूमि पर रोपित किया गया है।

इस परियोजना के अंतर्गत किसानों को फल पौधों को वैज्ञानिक आधार पर बिकसित करने और बागवानी को मार्किट में वैल्यू एडिशन्स से पूरी तरह व्यापारिक आधार पर चलाने का प्रशिक्षण दिया जायेगा ताकि बागबान अपनी फसल का अधिकतम लाभ ले सकें।

इस परियोजना के अन्तर्गत क्षेत्र में ड्रिप  सिंचाई , सोलर वाटर पम्प ,स्काडा एवं इंस्ट्रुमेंटल क्लस्टर टैंक आदि ढांचागत सुबिधाओं के निर्माण पर लगभग 77 . 75 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।

राज्य के जल शक्ति बिभाग द्वारा बल्ह ,मुछलि ,नलवाड़ी –डुमखर -चारोली , ब्राह्मणा थाना खुर्द और दोबड में नयी सिंचाई परियोजनाएं कार्यानंबित की जाएँगी जबकि लिस हंडोला और सनहाल में कार्यरत सिंचाई परियोजनाओं को अप ग्रेड किया जायेगा, ताकि परियोजना के अन्तर्गत सिंचाई जरूरतों को पूरा किया जा सके।

इस समय जिला की शिवालिक पहाड़ियों में 1200 किसान बागबानी गतिविधियों के माध्यम से अपनी आजीविका कमाते हैं जिससे बार्षिक लगभग एक करोड़ रुपये की आय अर्जित करते हैं।

परियोजना के कार्यान्वयन के बाद क्षेत्र में उच्च पौष्टक फलों के ब्यापार से बार्षिक अतिरिक्त आय लगभग पांच करोड़ रुपये तक होने का अनुमान है। इन फलों को पंजाब , हरियाणा और दिल्ली की मण्डियों में बेचा जायेगा जहां इस समय इन फलों की काफी डिमांड है।

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