नयी दिल्ली। मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य में हमने दिल्ली में एक विश्वस्तरीय मॉडल दिया है और अब परिवहन क्षेत्र में दिल्ली को पूरी दुनिया का मॉडल बनाएंगे।
श्री केजरीवाल ने बुधवार को राजघाट बस डिपो-2 से 97 लो फ्लोर इलेक्ट्रिक एसी बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के बाद कहा कि इन बसों के डीटीसी के बेड़े में शामिल होने से दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को और मजबूती मिलेगी।
धीरे-धीरे हम प्रदूषण पैदा करने वाली बसों को हटाते जा रहे हैं और इलेक्ट्रिक बसों को सड़कों पर उतारते जा रहे हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य में हमने दिल्ली में एक विश्वस्तरीय मॉडल दिया है। अब ट्रांसपोर्ट सेक्टर में दिल्ली को पूरी दुनिया का मॉडल बनाएंगे।
हम दूसरे देशों के मॉडर्न ट्रांसपोर्ट सिस्टम को अपनाएंगे और दिल्ली को सबसे बढ़िया ट्रांसपोर्ट मॉडल के रूप में प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अभी 153 इलेक्ट्रिक बसें चल रही थीं। आज बेड़े में 97 और ई-बसों के शामिल होने के बाद इनकी संख्या 250 हो गई है।
नवंबर 2023 तक 1500 और ई-बसें आ जाएंगी और बेड़े में 1800 ई-बसें होने के साथ ही दिल्ली, देश का इकलौता शहर हो जाएगा, जहां सबसे अधिक इलेक्ट्रिक बसें होंगी। वर्ष 2025 के अंत तक परिवहन विभाग में कुल बसों की संख्या 10,380 हो जाएगी, जिसमें करीब 80 फीसद (8180) इलेक्ट्रिक बसें होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस डिपो का भी बहुत तेजी से विद्युतीकरण किया जा रहा है, क्योंकि इलेक्ट्रिक बसें आएंगी, तो उनको चार्जिंग स्टेशन की जरूरत पड़ेगी।
हमने प्लान किया है कि दिल्ली के 55 बस डिपो में चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे। अभी तक तीन बस डिपो पर चार्जिंग स्टेशन लगाए जा चुके हैं। अगले साल तक 17 बस डिपो में चार्जिंग स्टेशन लगा दिए जाएंगे और 2023 के अंत तक सारे 55 बस डिपो तैयार हो जाएंगे।
दिल्ली में 2025 तक इलेक्ट्रिक बसों के लिए 18 हजार चार्जिंग प्वाइंट बन कर तैयार हो जाएंगे। जिस तेजी के साथ बस डिपो का विद्युतीकरण हो रहा है, यह बहुत खुशी की बात है।
इस अवसर पर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि श्री केजरीवाल के दूरदर्शी नेतृत्व में दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन ने आज एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। आज 97 और इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने के साथ दिल्ली में अब 250 इलेक्ट्रिक बसें हो गई हैं, जो सार्वजनिक परिवहन के बेड़े में शामिल कुल बसों का 3.4 फीसद हिस्सेदारी हैं।
राजधानी में 2025 तक 7930 और इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया जाएगा, जिसके बाद सार्वजनिक परिवहन के बेड़े में इलेक्ट्रिक बसों की हिस्सेदारी करीब 80 फीसद हो जाएगी। हम दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन को सभी नागरिकों के लिए अत्यधिक विश्वसनीय और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।