नयी दिल्ली । दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि दिल्ली में दिल्ली की चुनी हुई सरकार को अंधेरे में रख रोहिंग्याओं को आवास देने की साजिश की जा रही है। उन्हें एनडीएमसी के फ्लैट देने की बात की जा रही है।
वहीं केन्द्रीय आवास मंत्री हरदीप पुरी इस निर्णय की तारीफ करते हुए ट्वीट कर इसे लैंडमार्क निर्णय बताते है लेकिन इस बात के मीडिया में आने के बाद दिल्ली सरकार द्वारा विरोध जताये जाने पर केंद्र सरकार यू-टर्न ले लेती है।
ऐसे में इस दोहरे रवैये के बजाय इस मामले पर केंद्र सरकार अपना रुख स्पष्ट करे उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार, दिल्ली में रोहिंग्याओं को किसी भी तरह का कोई अस्थाई या स्थाई आवास दिए जाने के किसी भी कदम के खिलाफ है और केंद्र सरकार भी इसपर अपना रुख स्पष्ट करें।
उन्होंने कहा कि रोहिंग्याओं को फ्लैट्स देने के मसले पर 29 जुलाई को दिल्ली के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मीटिंग हुईे इस मीटिंग में केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस के अधिकारी भी शामिल रहे लेकिन दिल्ली की चुनी हुई सरकार को इस बैठक की जानकारी नहीं दी गई।
उन्होंने कहा कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला है ऐसे में केंद्र सरकार इस मामले में अपना रुख स्पष्ट करे, और अगर कुछ लोगों ने केंद्र सरकार के रुख के खिलाफ जाकर, दिल्ली की चुनी हुई सरकार से छिपाकर साजिश रची तो उनके खिलाफ सख्त कारवाई की जाए।
इस बात की हो जाँच कि केंद्र सरकार में कौन लोग, दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर, दिल्ली की चुनी हुई सरकार से छिपाकर इस तरह के निर्णय लेने की कोशिश कर रहे थे? किसके कहने पर कर रहे थे? उनकी साजिश क्या थी? इसकी निष्पक्ष जाँच होे उपमुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि 17 अगस्त की सुबह अखबारों में यह स्पष्ट कहा गया था कि केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली में रोहिंग्याओं के लिए बाकायदा एनडीएमसी द्वारा निर्मित फ्लैट्स देकर उनके आवास की व्यवस्था की जा रही है और इस बाबत केंद्रीय शहरी विकास एवं आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी के दो ट्वीट्स भी लिखे जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार के इस निर्णय की तारीफ करते हुए इसे एक लैंडमार्क डिसीजन बताया था।