देहरादून। एसजेवीएन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा ने बताया कि एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में राजस्थान सरकार ने राज्य में 10 हज़ार मेगावाट अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए एसजेवीएन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की मंजूरी दी है।
नंद लाल शर्मा ने अवगत करवाया कि एसजेवीएन राज्य में राजस्थान रिन्यूएबल एनर्जी कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा आवंटित भूमि पर 10 हज़ार मेगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना करेगा। इन परियोजनाओं को विकसित करने के लिए अगले 5 से 7 वर्षों में 50 हज़ार करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश की लागत आएगी ।
नंद लाल शर्मा ने कहा कि जैसे राष्ट्र हरित ऊर्जा के क्षेत्र में तीव्र गति से विकास कर रहा है, उसी दिशा में एसजेवीएन भी बड़ी छलांग लगा रहा है। इस नवीनतम उपलब्धि के साथ, कंपनी का पोर्टफोलियो 32,000 मेगावाट से अद्भुत रूप से बढ़कर 42 हज़ार मेगावाट हो गया है।
हम सरकार की ओर से परिकल्पित 2030 तक ‘सभी को बिजली’ और गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधनों से 50 प्रतिशत ऊर्जा की दोहरी चुनौती को पूरा करने में भागीदारी कर रहे हैं।
शर्मा ने कहा10 हज़ार मेगावाट अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास से राज्य में सामाजिक-आर्थिक विकास होगा और कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर खुलेंगे।
इस वर्ष की शुरुआत में, एसजेवीएन ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की उपस्थिति में अगले पांच वर्षों में राज्य में अक्षय ऊर्जा के विकास के लिए समझौता एलओआई हस्ताक्षर समारोह के दौरान आशय पत्र का आदान-प्रदान किया था।
हाल ही में, राजस्थान बड़े पैमाने पर 10 गीगावाट संचयी सौर परियोजनाएँ स्थापित करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है। पोर्टफोलियो में यह अभूतपूर्व वृद्धि एसजेवीएन को 2023 तक 5 हज़ार मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और 2040 तक 50 हज़ार मेगावाट के साझा विजन को प्राप्त करने में सक्षम बनाएगी ।