देहरादून। उत्तराखंड राज्य के नॉन वोवेन कैरी बैग इंडस्ट्री के अलग-अलग जिले से आये हुए व्यापारियों द्वारा अपनी समस्याओं को पूर्व मुख्यमंत्री मायावती त्रिवेन्द्र सिंह रावत के समक्ष रखा।
व्यापारियों द्वारा बताया गया कि जो कैरी बैग नॉन वोवेन मैटीरियल से बनते हैं, एक तो वह सिंगल यूज़ में नहीं आते और कई बार इस बैग को कस्टमर द्वारा यूज़ किया जा सकता है, धोया जा सकता है।
यह बैग फटने के बाद भी दोबारा रिसाइकिल किया जा सकता है और इसे किसी के भी द्वारा सड़क पर या कुड़े में भी फेंक देता है तो भी यह कैरी बैग मिनिमम 6 महीने में मिट्टी में ही डिस्पोज़ ऑफ हो जाता है और इससे पर्यावरण को कोई दिक्कत नहीं होती।
भारत सरकार द्वारा भी इस कैरी बैग को जो कि 60 ॠरट तक होगा उसे बैन नहीं किया गया है। उत्तराखंड के आस पास के राज्यों उत्तर प्रदेश ओर हिमाचल प्रदेश में भी इसे बैन नहीं किया गया है।
सभी व्यापारियों ने उत्तरखंड राज्य में बैन किए जाने पर खेद जताया। लगभग 400 से 500 उद्योगपतियों के साथ सीधे सीधे कई लाख परिवार, छोटे व्यापारी जुड़े हुए है जिनके रोज़गार प्रभावित होंगे।
इस पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा आश्वासन दिया गया कि उनके द्वारा इस संदर्भ में जल्द ही पत्र लिख कर राज्य सरकार को भेजा जाएगा।
इस अवसर पर दून वैली महानगर व्यापार मंडल के अध्यक्ष पंकज मेसोन के साथ राज्य के अलग अलग जनपदों से आये हुए व्यापारी रहे निशिता मित्तल (रामनगर) पुनीत शाह (हल्दवानी) राजकुमार पाहवा,प्रतीक गर्ग,राहुल सक्सेना तरुण जैन विश्वास कपूर,वैभव गुप्ता,आशीष गुप्ता (देहरादून) हिमांशु पंत (पिथोरागढ़) गौतम चौहान (चमोली) अरविंद शर्मा,विपिन प्रसाद,सूरज सिंह (सेलाकुई) रोबिन मुयाल,सागर (रुद्रपुर) शामिल थे।