सहारनपुर। उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के कुख्यात खनन एवं भू माफिया मोहम्मद इकबाल उर्फ बाल्ला सहित तीन अन्य की अग्रिम जमानत अर्जी ठुकराते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी किये हैं।
सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. विपिन टाडा ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि उच्च न्यायालय में सहारनपुर पुलिस ने बसपा के पूर्व एमएलसी बाल्ला के खिलाफ सशक्त पैरवी की।
एसएसपी ने आगे बताया कि थाना एवं कस्बा मिर्जापुर निवासी बाल्ला एवं उसके पुत्रों और रिश्तोंदारों के खिलाफ थाना मिर्जापुर में धोखाधड़ी, अवैध कब्जे, अनुसूचित जाति के लोगों की धोखाधड़ी से जमीनों पर कब्जा करने और सहारनपुर की महिला थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज है।
महिला थाने में मोहम्मद इकबाल के खिलाफ एक महिला को बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म करने और मारपीट करने की धाराओं में मामला दर्ज है। इन सभी मामलों में बाल्ला फरार है। उसकी गिरफ्तारी पर सहारनपुर पुलिस ने 25 हजार का इनाम घोषित किया है।
उन्होंने बताया कि बाल्ला ने इन सभी मामलों में अग्रिम जमानत लेने के लिए उच्च न्यायालय की शरण ली थी। टाडा ने बताया कि अदालत ने उसे राहत देने के बजाय अग्रिम जमानत अर्जी ठुकरा कर उसके एवं अन्य फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी कर दिये।
इन मामलों में बाल्ला के अलावा उसका बहनोई दिलशाद समेत तीन अन्य आरोपी भी शामिल हैं। टाडा ने बताया कि उच्च न्यायालय से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद सहारनपुर पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए हैं। उन्होंने बताया कि इकबाल बाल्ला का छोटा भाई एवं पूर्व बसपा एमएलसी महमूद अली भी इन्हीं मामलों में आरोपी था और उस पर भी 25 हजार का इनाम घोषित था।
पिछले दिनों सहारनपुर पुलिस ने महमूद अली को मुंबई से गिरफ्तार किया था। जहां वह एक किराए का घर में छिपा हुआ था। इकबाल बाल्ला के तीन बेटों और उसके गिरोह के कुछ अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर पहले ही जेल भेजा जा चुका है। ईडी, सीबीआई, आयकर विभाग समेत कई एजेंसियां इकबाल बाल्ला और उसके रिश्तेदारों की जांच कर रही हैं।
सहारनपुर के पूर्व एसएसपी आकाश तोमर ने इकबाल बाल्ला और उसके परिवार के खिलाफ शिकंजा कसा था। उनके जाने के बाद आए नए एसएसपी डा. विपिन टाडा भी इन आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में जुटे हैं।