रुड़की। जिला उपभोक्ता आयोग ने अपने एक फैंसले में वारंटी अवधि में उत्पादीय त्रुटि के कारण खराब हुए रेफ्रिजरेटर के बदले 20 हजार रुपए हर्जे के साथ रेफ्रिजरेटर की कीमत 96,500 रुपए मय ब्याज अदा करने व क्षतिपूर्ति व वाद के रूप में 20 हजार रुपये अदा करने का आदेश रेफ्रिजरेटर निर्माता कंपनी को दिया है।
उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीगोपाल नारसन ने बताया कि रुड़की निवासी निशांत अरोड़ा ने सैमसंग कम्पनी का एक रेफ्रिजरेटर अपने घरेलू उपयोग के लिए एम आर एंटरप्राइजेज रुड़की से अंकन 96,500 रुपए में 18 नवंबर सन 2016 में खरीदा था।जिसकी वारंटी एक वर्ष के लिए व कम्प्रेशर की वारंटी 120 महीने की दी गई थी।लेकिन उंक्त रेफ्रिजरेटर खरीदने के बाद से ही बार बार खराब होने लगा।
जिसकी शिकायत करने पर भी रेफ्रिजरेटर निर्माता कंपनी ,सर्विस सेंटर व डीलर ने उंक्त रेफ्रिजरेटर न तो ठीक करके दिया और न ही बदल कर दिया।जिसपर पीड़ित उपभोक्ता ने उपभोक्ता जिला आयोग में 21 जुलाई सन 2020 में शिकायत दर्ज कराई।
जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष कंवर सैन ,सदस्य अंजना चड्ढा व विपिन कुमार ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद माना कि वारंटी अवधि में खराब हुए रेफ्रिजरेटर को ठीक करके या फिर बदलकर न देना उपभोक्ता सेवा में कमी है।
इसी आधार पर उपभोक्ता जिला आयोग ने रेफ्रिजरेटर निर्माता कंपनी,सर्विस सेंटर व डीलर को आदेश दिया कि वे एक माह के अंदर उपभोक्ता निशांत अरोड़ा को खराब रेफ्रिजरेटर के बदले 20 हजार रुपए हर्जे के साथ रेफ्रिजरेटर की कीमत 96,500 रुपए मय ब्याज अदा करने का आदेश दिया है।